कूड़ा निस्तारण का मेरठ मॉडल देखने पहुंचे एसबीएम के अधिकारी
कूड़ा निस्तारण का मेरठ मॉडल अब लखनऊ, नई दिल्ली तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में सुनवाई के बाद शनिवार को स्वच्छ भारत मिशन(एसबीएम) के कोर्डिनेटर एसडी सिंह मेरठ में कूड़ा निस्तारण के लिए...
कूड़ा निस्तारण का मेरठ मॉडल अब लखनऊ, नई दिल्ली तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में सुनवाई के बाद शनिवार को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के कोऑर्डिनेटर एसडी सिंह मेरठ में कूड़ा निस्तारण के लिए चल रही कार्रवाई का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने गावड़ी से लेकर भूड़बराल तक का जायजा लिया। लोहियानगर, दिल्ली रोड के हाल को भी देखा। विशेष बात यह रही कि उन्होंने कूड़े के पहाड़ से बदबू नहीं आने की सराहना की।
सुप्रीम कोर्ट में कूड़ा निस्तारण, पर्यावरण को लेकर एक मामले की सुनवाई हुई। उस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव भी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने मेरठ में कूड़े के पहाड़ के निस्तारण के जवाब की जानकारी दी। इस पर मुख्य सचिव ने मेरठ मॉडल को देखने के लिए एसबीएम के कोऑर्डिनेटर एसडी सिंह को भेजा। शनिवार को वे मेरठ पहुंचे। नगर आयुक्त डा.अरविन्द कुमार चौरसिया, सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह आदि से विचार-विमर्श किया। उसके बाद गावड़ी पहुंचे। जहां कभी कूड़े का पहाड़ था। वहां बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन से कूड़े को कंपोस्ट, आरडीएफ में बदलते हुए देखा। उसके बाद नगर आयुक्त ने बताया कि करीब एक माह में कूड़े के प्लास्टिक और ज्वलनशील पदार्थ से एक मेगावाट बिजली बनाने का काम प्रारंभ हो जाएगा। एसबीएम के अधिकारी भूड़बराल में कूड़े से बिजली बनाने संबंधी निर्माणाधीन प्लांट को भी देखने गए। बीच में हापुड़ रोड स्थित लोहियानगर में भी कूड़े के पहाड़ को देखा। गावड़ी और लोहियानगर में कूड़े के पहाड़ से किसी प्रकार का बदबू नहीं आने की सराहना की। कूड़ा निस्तारण के मेरठ मॉडल को भी सराहा।