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1821 में हुई थी संस्कृत महाविद्यालय बिल्वेश्वर की स्थापना

फोटो बिल्वेश्वर 1821 में हुई थी संस्कृत बिल्वेश्वर की स्थापना1821 में हुई थी संस्कृत बिल्वेश्वर की स्थापना1821 में हुई थी संस्कृत बिल्वेश्वर की स्थापना1821 में हुई थी संस्कृत बिल्वेश्वर की...

1821 में हुई थी संस्कृत महाविद्यालय बिल्वेश्वर की स्थापना
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 03 Aug 2020 03:14 AM
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श्रावणी पूर्णिमा को भारत वर्ष में रक्षाबंधन का पवित्र पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इसी दिन भारतवर्ष की प्रायः समस्त शिक्षण संस्थाओं में विशेष रूप से संस्कृत संस्थानों में इस पर्व को संस्कृत दिवस समारोह के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार का निर्देश है कि संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन शिक्षण संस्थान आयोजित करें।

पूर्व प्राचार्या डॉ. चिंतामणि जोशी ने बताया कि श्री बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय मेरठ की प्राचीनतम शिक्षण संस्थाओं में प्रमुख स्थान रखता है। प्राप्त अभिलेखों के आधार पर इसकी स्थापना 1821 ई में हुई थी, जो बिल्वेश्वर नाथ मंदिर परिसर में ही संचालित किया गया। बाद में इसे विस्तार देने की दृष्टि से विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा छावनी परिषद से और भूमि अर्जित कर नए दो मंजिला भवन का निर्माण किया गया। जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था। आज इसी भवन में स्नातक स्नातकोत्तर कक्षाओं का संचालन किया जाता है। वर्तमान में इस विद्यालय में प्रथमा से लेकर आचार्य पर्यंत साहित्य, व्याकरण व ज्योतिष विषयों की मान्यता प्राप्त है। यहां 250 छात्र निरंतर अध्ययनरत हैं। इस संस्कृत संस्था से हजारों छात्रों शिक्षा प्राप्त कर देश की सेवा में योगदान देते हुए भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार व संरक्षण में निरंतर प्रयासरत रहे हैं। यह संस्था क्रांतिधरा मेरठ की अमूल्य धरोहर है।

650 ने सीखी संस्कृत भाषा

संस्कृत भारती मेरठ में प्रांत में 11 ऑनलाइन सम्भाषण वर्गों का प्रारंभ कर रही है और भागवत गीता की क्लास भी चल रही है। संस्कृत का शिक्षण किया है। अभिज्ञान शांकुतलम पढ़ाया है। इसके अलावा 650 लोगों ने संभाषण में भाग लिया और 11 शिविर शुरू हो रहे हैं। उसमें 445 लोग भाग ले रहे हैं। संस्कृत भारती अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं श्लोक उच्चारण सुभाषित कथन इत्यादि कर रही है।

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