एनसीटीई के फैसले से मेरठ के शिक्षकों को राहत
एनआईओएस के जरिए ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में डीएलएड करने वाले मेरठ के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों को अब सरकारी नौकरी का रास्ता साफ हो...
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता
एनआईओएस के जरिए ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में डीएलएड करने वाले मेरठ के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों को अब सरकारी नौकरी का रास्ता साफ हो गया है। एनसीटीई ने ओडीएल मोड से डीएलएड उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को रेगुलर के समकक्ष मानते हुए आगामी भर्ती में मौका देने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इसके लिए छात्रों को टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य रहेगा।
तीन साल पहले शहर के पब्लिक स्कूल और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों ने डीएलएड में खुद को पंजीकृत कराया था। ये सभी वे शिक्षक थे जो किन्हीं कारणों से बीएड नहीं कर सके थे। नौकरी के बाद रेगुलर बीएड संभव नहीं हो सका। एनआईओएस के प्लेटफॉर्म पर इन शिक्षकों ने खुद को पंजीकृत कराते हुए डीएलएड कोर्स किया। इसी बीच बिहार में ऐसे शिक्षकों को भर्ती में मौका नहीं मिला तो मामला कोर्ट पहुंचा। बिहार हाईकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया। इसी फैसले के आधार पर उत्तराखंड के ओडीएल मोड से डीएलएड उत्तीर्ण शिक्षकों ने राहत मांगी। समीक्षा के बाद एनसीटीई ने इस फैसले के खिलाफ अपील में नहीं जाने का निर्णय लिया और सभी राज्यों को ऐसे छात्रों को भर्ती में मौका देने के निर्देश दिए। एनसीटीई ने वेबसाइट पर इसके आदेश जारी कर दिए हैं। यानी आने वाली भर्ती में प्राइमरी स्तर पर ऐसे छात्रों को मौका मिल जाएगा।