रैपिड और मेट्रो से पहले मेरठ को चाहिए ढाई हजार करोड़
मेरठ से दिल्ली के बीच रैपिड रेल और शहर के अंदर मेट्रो ट्रेन के पहले शहर के अंदर ट्रैफिक को लेकर वैकल्पिक इंतजाम करने को करीब ढाई हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। अर्बन मॉस ट्रांजिट कंपनी के...
मेरठ से दिल्ली के बीच रैपिड रेल और शहर के अंदर मेट्रो ट्रेन के पहले शहर के अंदर ट्रैफिक को लेकर वैकल्पिक इंतजाम करने को करीब ढाई हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। अर्बन मॉस ट्रांजिट कंपनी के कांप्रीहेंसिव मोबिलिटी प्लान के मुताबिक मेरठ के चारों तरफ हाईवे का जाल बिछने और रैपिड एवं मेट्रो ट्रेन चलने के बाद यह पूरे वेस्ट यूपी का हब होगा। ऐसे में यहां सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव होगा जिसको कम करने के लिए तत्काल इनर रिंग रोड और आउटर रिंग रोड बनाए जाने की जरूरत है।
अर्बन मॉस ट्रांजिट कंपनी ने 2012 में मेरठ के ट्रैफिक की जरूरतों पर अध्ययन कर कांप्रीहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया। तब यहां रैपिड, मेट्रो, मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे प्लान नहीं थे। बीते पांच साल के अंदर तस्वीर बदली है और मेरठ के चारों तरफ हाईवे का जाल बिछने को तैयार है। रैपिड और मेट्रो पर इस साल काम होना है। ऐसे में शहर के अंदर ट्रैफिक के लिए काम न हुए तो हालात विस्फोटक होंगे। वाहनों के दबाव के आगे संकरी होती सड़कें जानलेवा बन जाएंगी और बेतहाशा दुर्घटनाएं होंगी। शहर को इन विस्फोटक हालात से बचाने के लिए जरूरी है कि दो चरणों में यहां साढ़े छह हजार करोड़ रुपये सड़कों पर ही खर्च हों। तत्काल इनर रिंग रोड के लिए धन रिलीज किया जाए और इसके बाद आउटर रिंग रोड बने। शहर के चौराहों के डिजाइन बदलें और जरूरत की जगहों पर फ्लाईओवर, फुटओवरब्रिज और अंडरपास बनाए जाएं।