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नोडल सेंटर पर रामभरोसे विवि परीक्षा का काम

सेल्‍फ फाइनेंस कॉलेजों में परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए चौ.चरण सिंह विवि में लागू हुआ नोडल सेंटर सिस्‍टम कॉलेजों की मनमानी से पटरी से उतरने लगा है। निजी कॉलेजों को प्रत्‍येक पाली की परीक्षा से...

नोडल सेंटर पर रामभरोसे विवि परीक्षा का काम
हिन्दुस्तान टीम,मेरठWed, 26 Feb 2020 02:00 AM
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सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए चौ.चरण सिंह विवि में लागू हुआ नोडल सेंटर सिस्टम कॉलेजों की मनमानी से पटरी से उतरने लगा है। निजी कॉलेजों को प्रत्येक पाली की परीक्षा से कुछ घंटे पहले पेपर पहुंचाने की जिम्मेदारी की केवल खानापूर्ति हो रही है। अधिकांश नोडल सेंटर पर सुबह के वक्त कॉलेजों के प्राचार्य नहीं पहुंच रहे। स्ट्रांग रूम से पेपर निकालने और उन्हें केंद्रों पर पहुंचाने का काम क्लर्क कर रहे हैं। कुछ नोडल सेंटर पर क्लर्क ने भी अपने नीचे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को काम सौंप दिया है। केंद्रों से कॉपियों भी हर रोज नहीं उठ रही हैं।

विवि ने मेरठ-सहारनपुर मंडल में 23 नोडल सेंटर बनाए हैं। इन सभी नोडल सेंटर से आसपास के निजी कॉलेजों को जोड़ा गया है। नोडल सेंटर इन कॉलेजों को हर रोज प्रश्न पत्र और अन्य सामग्री भेजते हैं। विवि ने यह व्ववस्था इसलिए लागू की थी ताकि प्रश्न पत्र निजी कॉलेजों के हाथों में ना रहें। पूर्व में हुई पेपर आउट की घटनाओं को रोकने के लिए यह व्यवस्था लागू की थी।

लेकिन पटरी से उतर गई व्यवस्था

मेरठ। नोडल सेंटर पर प्रश्न पत्र रखे हुए होते हैं। यहां से ये प्रश्न पत्र प्रत्येक पाली में कुछ ही घंटे पहले संबंधित केंद्र पर जाते हैं। चूंकि विवि इसके लिए प्रयुक्त हो रही गाड़ी और कर्मचारियों पर खर्च देता है, लेकिन नोडल सेंटर पर सबकुछ रामभरोसे है। तीन दिनों की परीक्षा में सचल दलों को नोडल केंद्रों पर परीक्षा में बरती जा रही लापरवाही के इनपुट मिले हैं। सचल दलों के सदस्यों के अनुसार अधिकांश केंद्र पर सुबह की पाली में प्राचार्य नहीं पहुंच रहे। केंद्र पर प्राचार्यों ने क्लर्क को जिम्मेदारी दे दी है। कुछ केंद्रों पर क्लर्क ने चपरासियों को काम सौंप दिया। कई कॉलेज सुबह ही तीनों पालियों के प्रश्न पत्र केंद्रों पर भेज रहे हैं जबकि गाड़ियों के बिल तीनों पालियों के बन रहे हैं। इसी तरह केंद्रों से नोडल सेंटर पर कॉपी मंगवाने में भी खामियां हैं।

2013 की घटना से सबक नहीं लिया

मेरठ। वर्ष 2013 में शहर के एक नोडल सेंटर से लगातार कई पेपर आउट किए गए थे। तत्कालीन कुलपति ने मामले की जांच कराई तो शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज से पेपर आउट के तार जुड़े मिले। विवि ने बाकायदा हॉस्टल में छापेमारी करते हुए पेपर पकड़े थे। जांच टीम को नोडल सेंटर से पेपर के चतुर्थ श्रेणी के हाथों में होने की पुष्टि हुई थी।

किसी नोडल पर सीसीटीवी कैमरे लिंक नहीं

मेरठ। 23 नोडल में से किसी में भी विवि के पास सीसीटीवी कैमरों का लिंक नहीं है जबकि इन केंद्रों पर स्ट्रांग रूम में पेपर रखे होते हैं। सचल दलों के सदस्यों के अनुसार विवि नोडल सेंटर के सीसीटीवी कैमरों की 24 घंटे निगरानी करे ताकि अधिकांश केंद्रों पर जारी मनमानी पर रोक लग सके।

सभी केंद्रों पर नहीं पहुंचे पर्यवेक्षक

मेरठ। मंगलवार को विवि के सचल दलों ने विभिन्न केंद्रों पर चेकिंग की। तीनों पालियों में चार छात्र नकल करते पकड़े गए। विवि के अनुसार कुछ केंद्रों पर अभी तक नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक नहीं पहुंचे हैं। इनकी जगह नए पर्यवेक्षक भेजे जा रहे हैं। विवि के अनुसार केंद्रों पर निगरानी की जा रही है।

केंद्रों पर नहीं चेकिंग, मिल रहे मॉडल पेपर

मेरठ। तीन दिनों की परीक्षा में कुछ परीक्षा केंद्रों के नकल में शामिल होने की रिपोर्ट विवि को सौंप दी गई है। इसमें शामली के कॉलेज शामिल हैं। सचल दलों के अनुसार शामली में कुछ कॉलेजों में चेकिंग के दौरान बाहर गेट पर मॉडल पेपर का बैग मिला था। जिस वक्त टीम कॉलेज में अंदर गई उस वक्त वहां कोई बैग नहीं था, लेकिन जैसे ही अंदर चेकिंग शुरू हुई तो कोई व्यक्ति गेट के पास यह बैग रखकर गया। सचल दलों के अनुसार नकल कराने में कॉलेज शामिल था। छात्रों को गाइड और मॉडल पेपर के पन्ने उपलब्ध कराए गए थे। जैसे ही चेकिंग शुरू हुई तो केंद्र पर मॉडल पेपर और गाइड बैग में भरकर बाहर रखवा दी गई। रिपोर्ट पर विवि जल्द ही कार्रवाई करेगा।

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