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राधा अष्टमी पर सदर से निकली शोभायात्रा, मंदिरों में हुई महाआरती

राधा अष्टमी के अवसर पर शुक्रवार को शहरभर में उत्सव का माहौल रहा। सदर से भगवान श्री राधा-कृष्ण की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। सदर दाल मंडी स्थित धानेश्वरनाथ मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा का जगह-जगह...

राधा अष्टमी पर सदर से निकली शोभायात्रा, मंदिरों में हुई महाआरती
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 07 Sep 2019 03:05 AM
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राधा अष्टमी के अवसर पर शुक्रवार को शहरभर में उत्सव का माहौल रहा। सदर से भगवान श्री राधा-कृष्ण की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। सदर दाल मंडी स्थित धानेश्वरनाथ मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा और आरती से स्वागत हुआ।

सुबह सवेरे राधा रानी को 21 हजार लड्डूओं का भोग लगाया गया। शाम को शुरू हुई शोभायात्रा का देर रात समापन हुआ। शोभायात्रा मंदिर से शुरू होकर गंज बाजार, दाल मंडी, बैंकर्स स्ट्रीट, सदर सर्राफ, हनुमान चौक, कबाड़ी बाजार, नया बाजार से होती हुई वापस मंदिर पर पहुंचकर संपन्न हुई। बैंड-बाजों की मधुर भक्तिधुनों पर थिरकते हुए श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा निकाली।

शोभायात्रा में सबसे आगे भगवान श्रीगणेश का डोला रहा। इसके बाद शिव परिवार, राधा-कृष्ण का रास और फूलों से सजा राधा रानी और कृष्ण मुरारी का डोला आकर्षण का केंद्र रहा। मधुर भक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं ने यात्रा निकाली। बांके बिहारी की छटा बिखेरती मूर्ति और राधा-रानी को भोग का डोला अनायास ही सभी को आकर्षित कर रहा था। कलाकारों ने भगवान का रूप धर देव लीलाओं का मंचन कर सभी को मुग्ध कर दिया।

दूसरी ओर सम्राट पैलेस स्थित राज राजेश्वरी मंडप में श्री राधा अष्टमी महोत्सव उत्साह से मनाया गया। शुरुआत मधुर हरिनाम संकीर्तन के साथ हुई। स्वागत गीत गोपीचंद तिलक व इत्र के साथ हुआ। सभी भक्तों ने भगवान जगन्नाथ, बलदेव व सुभद्रा के भव्य दर्शन किए। श्री तुलसी महारानी की आरती करके सभी भक्तों ने तुलसी का सिंचन किया और गौर आरती पर सबने नृत्य किया।

दिल्ली से आए इस्कॉन के वरिष्ठ प्रचारक दीननायक प्रभु ने राधारानी के सुंदर भजनों से भक्तिरस की वर्षा की। रूपवान दास, सच्चिदानंद गौर दास, वासुदेव दुलाल दास, नदिया नीलेश्वर दास, सदाशिव केशवदास, आनंद चरण दास, नितिन अरोड़ा, नितिन कौशिक, सुभाष व शरद प्रभु रहे। अतिथियों का स्वागत मनोज अग्रवाल ने किया।

श्रीमद्भागवत कथा का समापन

राधा माधव जन कल्याण समिति की ओर से राधा गोविंद मंडप में चल रही श्रीमद्भावत कथा का शुक्रवार को श्री राधा रानी प्राकट्य दिवस पर समापन हो गया। कथाव्यास श्रीश कृष्ण ने बताया कि रा का अर्थ है मोझ धा का अर्थ है प्राप्ति। राधा जो मोझ की प्राप्ति कराती है, जो राधा सदैव केवल कृष्ण के हृदय में विराजमान रहती हैं। राधारानी महाभाव स्वरूप है। गोविंद दास, सत्संग प्रेमीदास, ईश्वरपुरी दास, शिष्य दास, अनुपम कृष्ण दास, वेदान्त कृष्ण दास, अभिमन्यु प्राण दास, मनोहर गौरदास, विमल प्रभु आदि का सहयोग रहा।

औघड़नाथ मंदिर में महोत्सव आज

श्रीलाडली लाल तत्सुख समिति की कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि 8 सितम्बर को शाम 7 बजे से दिव्य श्री राधा-रानी का बधाई महोत्सव औघड़नाथ मंदिर में मनाया जाएगा। सचिव त्रिलोक शर्मा ने ये जानकारी दी।

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