रटने के बजाय सरलता से अनुभवों से सीखें
गांधी जी की नई तालीम कर्म को प्रधानता देती है। हमें छात्रों को रटने के बजाय उन्हें खुशनुमा वातावरण में सरलता से अनुभवों के आधार पर सीखने को बढ़ावा देना चाहिए। यदि हम ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो...
गांधी जी की नई तालीम कर्म को प्रधानता देती है। हमें छात्रों को रटने के बजाय उन्हें खुशनुमा वातावरण में सरलता से अनुभवों के आधार पर सीखने को बढ़ावा देना चाहिए। यदि हम ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो यह बेहतर होगा।
मेरठ कॉलेज के शिक्षा विभाग में जारी वर्कशॉप के आखिरी दिन यह बात सह-संयोजिका डॉ.मंजु गुप्ता ने कही। संयोजक डॉ.सुधीर कुमार पुंडीर ने कहा कि अनुभव से बेहतर कोई शिक्षा नहीं हो सकती। हम अपने अनुभवों से जो सीखते हैं वह जीवन में ना केवल ज्यादा समय तक याद रखते हैं बल्कि व्यक्त्िा को सशक्त बनाने में भी मदद करती है। गांधी जी की नई तालीम अनुभव से सीखने पर जोर देती है। आज शैक्षिक संस्थानों में एक बार फिर से गांधी जी की नई तालीम को स्वीकार करने की जरुरत है। सेक्रेटरी सेठ दयानंद गुप्ता ने कहा कि शिक्षक ही समाज और राष्ट्र की दिशा बदल सकता है। बस उसे अपनी जिम्मेदारियों का भान होना चाहिए। रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि किसी भी व्यवस्था को सरल बनाने के लिए सही क्रियान्वयन, सही निर्णय और समय-समय पर निरीक्षण जरुरी है। रजिस्ट्रार ने सभी शिक्षकों से सुझाव भी आमंत्रित किए। एससी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने कहा कि शिक्षकों को अपने जीवनकाल मे खट्टे, मीठे और फीके सभी तरह के अनुभवों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विजेता वही है जो हर तरह की समस्याओं से मुस्कराकर निकल जाता है। एचओडी डॉ.अजय कुमार ने कहा कि यह वर्कशॉप शिक्षा विभाग के लिए उपलब्धि है। इससे प्रतिभागियों को नई दिशा मिलेगी। प्राचार्या डॉ.संगीता गुप्ता ने शिक्षकों से नई तालीम को आज के परिवेश में अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम में चीफ प्रॉक्टर डॉ.अलका चौधरी, डीन डॉ.सीमा शर्मा, विनय कुमार, डॉ.राजकुमार सांगवान सहित सभी शिक्षक मौजूद रहे।