ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश मेरठपक्षियों के कलरव में भी है संगीत

पक्षियों के कलरव में भी है संगीत

भारत की समृद्ध संस्कृति विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ने में सक्षम है। संगीत उस वटवृक्ष की तरह होना चाहिए जिसकी जड़ें धरती में गहराई से दूर-दूर तक फैलकर उसे सशक्त आधार प्रदान करती हैं। स्पिक मैके ने भी...

पक्षियों के कलरव में भी है संगीत
हिन्दुस्तान टीम,मेरठTue, 16 Apr 2019 01:45 AM
ऐप पर पढ़ें

भारत की समृद्ध संस्कृति विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ने में सक्षम है। संगीत उस वटवृक्ष की तरह होना चाहिए जिसकी जड़ें धरती में गहराई से दूर-दूर तक फैलकर उसे सशक्त आधार प्रदान करती हैं। स्पिक मैके ने भी भारतीय संस्कृति को एक वटवृक्ष की तरह विस्तार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्कूल-कॉलेजों में भारतीय संस्कृति की इस धारा को सर्वत्र प्रवाहित करने में स्पिक मैके महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आध्यात्मिकता की प्राप्ति केवल मंदिर या मस्ज़िद जाने से नहीं बल्कि संगीत के माध्यम से भी होती है। संगीत जीवन में सकारात्मकता पैदा करता है। पक्षियों के कलररव में भी संगीत है।

दीवान पब्लिक स्कूल और बीआईटी में स्पिक मैके के तहत सितारवादन में यह बात प्रसिद्ध सितारवादक पं.शुभेंद्र राव ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ नट भैरव राग से हुआ। यह प्रातःकालीन तीन ताल का 16 मात्रा युक्त राग है। शुभेंद्र के साथ तबले पर संगत ज़ुहेब खान ने की। शुभेंद्र ने संगीत की शुरुआत प्ले स्कूल से ही करने पर जोर दिया। प्रिंसीपल एचएम राउत ने अतिथि कलाकारों का स्वागत किया। शुभेंद्रª राव ने भी संगीत की शुरुआत प्ले स्कूल से ही करने पर बल दिया। संचालक सुचेता सहगल ने किया। बीआईटी में चेयरमैन अनिल कुमार जैन, ट्रस्टी शरद जैन, एसके जैन, संजीव मित्तल ने कलाकारों को स्मृति चिह्न भेंट किया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें