ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश मेरठ रद परीक्षाओं से एक झटके में नया सत्र पटरी पर

रद परीक्षाओं से एक झटके में नया सत्र पटरी पर

मार्च से मई तक लॉकडाउन और इसके बाद 31 जुलाई तक कॉलेज पूरी तरह से बंद होने से अटकी परीक्षाएं और इससे बेपटरी सत्र की चिंता शासन के एक फैसले से निपट...

 रद परीक्षाओं से एक झटके में नया सत्र पटरी पर
हिन्दुस्तान टीम,मेरठWed, 01 Jul 2020 12:52 AM
ऐप पर पढ़ें

मार्च से मई तक लॉकडाउन और इसके बाद 31 जुलाई तक कॉलेज पूरी तरह से बंद होने से अटकी परीक्षाएं और इससे बेपटरी सत्र की चिंता शासन के एक फैसले से निपट जाएंगी।

फॉर्मूला तय होते ही विश्वविद्यालय अधिकतम दो हफ्ते में रिजल्ट जारी कर देगा। विवि में पहले से ही स्नातक प्रथम वर्ष में रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं। यूपी बोर्ड के हाल में जारी रिजल्ट में सफल छात्रों के एक हफ्ते में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे। विवि अगस्त में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करते हुए सत्र शुरू करा सकेगा। वहीं परीक्षाओं पर राहत के बाद छात्रों की धड़कनें अब फॉर्मूले को लेकर हैं। छात्र को चिंता है कि प्रमोशन में कहीं उनको नुकसान ना हो जाए।

प्रमोशन से रिजल्ट में नहीं होगी देरी

मेरठ। बिना परीक्षा के प्रमोशन के फैसले के बाद विश्वविद्यालयों को रिजल्ट जारी करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। चौ.चरण सिंह विवि अधिकतम 30 जून तक वार्षिक परीक्षाओं का रिजल्ट जारी करता था। शासन ने 29 जून को सभी छात्रों की परीक्षाएं स्थगित करते हुए उन्हें प्रमोट करने का निर्णय लिया। दो जुलाई को प्रमोशन का फॉर्मूला तय होने की उम्मीद है। इसके बाद विवि स्टूडेंट का 15 दिनों में रिजल्ट जारी कर सकेगा। यानी 17 जुलाई तक छात्र प्रमोट हो सकेंगे। यानी बीते वर्ष के मुकाबले सभी रिजल्ट में 17 दिन की देरी होगी। विवि इस वक्त स्नातक प्रथम वर्ष में रजिस्ट्रेशन करा रहा है। अभी सीबीएसई-आईएससी का रिजल्ट बाकी है। ऐसे में 31 जुलाई से पहले रजिस्ट्रेशन खत्म नहीं होंगे। इस स्थिति में विवि अगस्त में नया सत्र शुरू करेगा। उम्मीद है कि विवि 14 अगस्त से नया सत्र शुरू कर सकता है। हालांकि यह ऑनलाइन होगा या फिर क्लासरूम, यह स्थितियों पर निर्भर करेगा। यदि परीक्षाएं होती तो विवि का सत्र अक्तूबर तक जाता।

असमंजस में विवि को हुआ लाखों का नुकसान भी

मेरठ। शासन स्तर पर निरंतर परीक्षा कराने के निर्देश से विवि ने कैंपस में चार केंद्रों पर मूल्यांकन पूरा करा दिया। कॉलेजों में सात केंद्रों पर मूल्यांकन चल रही है। यदि शासन पहले ही परीक्षाओं पर स्थिति साफ हो जाती तो विवि मूल्यांकन नहीं कराता। इससे विवि के लाखों रुपये मूल्यांकन पर खर्च नहीं होते।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें