मेरठ। कार्यालय संवाददाता
शरद पूर्णिमा पर विशेष संयोग में चंद्रमा के पूजन से सतोगुण की प्रवृत्ति बढ़ेगी। शुक्रवार शाम 5:47 से अगले दिन रात 8:19 तक रहेगी। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती और सत्यनारायण की पूजा से विशेष योग बन रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है।
ज्योतिषविद भारत ज्ञान भूषण बताते हैं कि रात में 11:34 से 12:27 तक विशेष योग रहेगा। इस अवधि में चंद्रमा के पदार्थ दूध, जल, चावल और चांदी को चंद्रमा की किरणों में रखने पर यह उसे अवशोषित कर लेते हैं और इनके सेवन से सतोगुण प्रवृत्ति बढ़ती है। उन्होंने बताया कि खीर या मिश्री दूध चांदी का वर्क लगाकर भगवान श्री कृष्ण, राधा रानी, महालक्ष्मी और इंद्र का ध्यान कर भोग लगाकर ग्रहण करने से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पंडित विनोद त्रिपाठी ने बताया कि रात में दूध अथवा खीर रखकर उसका सूर्योदय से पहले भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से व्याधियां, कष्ट, रोग और शत्रु दूर होते हैं। उन्होंने बताया कि घरेलू कलह और अज्ञात शत्रुओं से भी मुक्ति मिलती है।