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यूपी बोर्ड को छोड़ सबको जमा करना होगा माइग्रेशन

मेरठ-सहारनपुर मंडल में चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में यूपी बोर्ड को छोड़ अन्‍य सभी बोर्ड के स्‍टूडेंट को परीक्षा फॉर्म जमा करते वक्‍त माइग्रेशन जमा करना अनिवार्य होगा। कॉलेजों को...

यूपी बोर्ड को छोड़ सबको जमा करना होगा माइग्रेशन
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 21 Oct 2018 02:04 AM
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मेरठ-सहारनपुर मंडल में चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में यूपी बोर्ड को छोड़ अन्य सभी बोर्ड के स्टूडेंट को परीक्षा फॉर्म जमा करते वक्त माइग्रेशन जमा करना अनिवार्य होगा। कॉलेजों को माइग्रेशन जमा करने वाले छात्र-छात्राओं की सूची अलग से भी भेजनी होगी। माइग्रेशन जमा नहीं कराने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय परीक्षा से रोक सकता है। विवि ने कॉलेजों से माइग्रेशन बिना किसी भी स्टूडेंट का परीक्षा फॉर्म नहीं लेने के आदेश दिए हैं।

विश्वविद्यालय में 25 अक्तूबर से यूजी प्रथम वर्ष रेगुलर के फॉर्म ऑनलाइन होने जा रहे हैं। बीए, बीकॉम, बीएससी और बीएससी एजी सहित वार्षिक प्रणाली के सभी रेगुलर कोर्स के स्टूडेंट को यह फॉर्म भरने हैं। विवि के अनुसार परीक्षा फॉर्म जमा करते वक्त स्टूडेंट को माइग्रेशन जमा करना जरूरी होगा। परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरते वक्त भी छात्रों को माइग्रेशन जमा करने अथवा नहीं करने की घोषणा करनी होगी। कॉलेज इसी घोषणा के आधार पर छात्रों के फॉर्म स्वीकार करेंगे। कॉलेज माइग्रेशन जमा करने वालों की सूची अलग से देगा। जिन छात्रों ने माइग्रेशन जमा नहीं किया उनकी सूची भी विवि को जाएगी। विश्वविद्यालय के अनुसार माइग्रेशन जमा करने की बाध्यता यूपी बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए नहीं है। यानी जिन स्टूडेंट ने सीबीएसई, आईएससी या किसी अन्य बोर्ड से 12 वीं पास करते हुए विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया है, उन सभी को परीक्षा फॉर्म के साथ यह माइग्रेशन देना होगा।

75 फीसदी से कम हाजिरी पर परीक्षा नहीं

मेरठ। विवि ने कॉलेजों से 75 फीसदी हाजिरी पूरी करने वाले छात्र-छात्राओं के ही परीक्षा फॉर्म फॉरवर्ड करने के निर्देश दिए हैं। चूंकि छात्रों की हाजिरी का रिकॉर्ड कॉलेजों के पास है, ऐसे में वे ही निर्धारित उपस्थिति पूरी करने वाले छात्रों की सूची विवि को देंगे। विवि ने कम हाजिरी की स्थिति में छात्रों को परीक्षा में नहीं बैठने देने के आदेश दिए हैं।

विवि में माइग्रेशन की बड़ी समस्या

मेरठ। विवि में समय से माइग्रेशन जमा नहीं होने की बड़ी समस्या है। छात्र पूरी पढ़ाई बिना माइग्रेशन जमा किए ही कर लेते हैं। विवि ऐसे छात्रों का रिजल्ट तो जारी कर देता है, लेकिन उन्हें ‘डिटेंड श्रेणी में भी डालता है। ऐसे छात्रों की मार्कशीट प्रिंट नहीं होती। डिग्री पूरी करते ही छात्र तीनों वर्षों की मार्कशीट एकसाथ बनवाने और माइग्रेशन जमा करने के लिए कैंपस के चक्कर काटते हैं। इस प्रक्रिया में विवि को तीन-तीन साल के रिकॉर्ड को अपडेट करते हुए एनरोलमेंट नंबर देना पड़ता है। हालांकि विवि ने बीते दो वर्षों में माइग्रेशन के चलते होने वाली इस गड़बड़ी को रोकने के लिए फॉर्म में ही जमा करना अनिवार्य कर रखा है। इसका असर भी पड़ा, लेकिन अभी तक सौ फीसदी माइग्रेशन फॉर्म के साथ जमा नहीं हो रहे।

कॉलेजों से लें रसीद, होंगे ये फायदे

मेरठ। छात्र कॉलेज में अपना माइग्रेशन जमा कराने के बाद हर हाल में उसकी प्राप्ति रसीद अवश्य ले लें। छात्रों के पास माइग्रेशन जमा करने का यह सुबूत होगा। इसके बाद यदि माइग्रेशन गुम होता है तो इसकी जिम्मेदारी कॉलेज एवं विवि की होगी। कैंपस में अभी भी कई मामले माइग्रेशन जमा कराने के बावजूद छात्रों को डिटेंड करने के आए हैं। इस स्थिति में यदि छात्र के पास रसीद होगी तो उसे दोबारा जमा कराने की जरूरत नहीं होगी।

आंकड़ों में परीक्षा

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-फरवरी 2019 से प्रस्तावित हैं मुख्य परीक्षाएं।

-3.5 लाख से अधिक छात्र-छात्रा देंगे पेपर।

-90 हजार स्टूडेंट देते हैं प्रथम वर्ष की परीक्षा।

-50 फीसदी स्टूडेंट सीबीएसई-आईएससी एवं अन्य बोर्ड के।

-67 एडेड-राजकीय सहित 900 सौ कॉलेज होंगे परीक्षा में शामिल।

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