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सफाई में साहब थोड़ी स्थिति बदली है, बहुत की जरुरत है

ठीक एक सप्ताह पहले सोमवार को शहर में लगे जगह-जगह कूड़े के ढेर को लेकर डीएम अनिल ढींगरा ने निगम अधिकारियों को तलब किया। सीधे कहा कि क्या हाल बना रखा है शहर का। कूड़े के ढेर पर है शहर। ठीक कीजिए,...

सफाई में साहब थोड़ी स्थिति बदली है, बहुत की जरुरत है
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 08 Oct 2018 01:32 AM
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ठीक एक सप्ताह पहले सोमवार को शहर में लगे जगह-जगह कूड़े के ढेर को लेकर डीएम अनिल ढींगरा ने निगम अधिकारियों को तलब किया। सीधे कहा कि क्या हाल बना रखा है शहर का। कूड़े के ढेर पर है शहर। ठीक कीजिए, अन्यथा वे खुद निकलेंगे। उसी दिन डीएम ने अपने ट्विटर पर शहर के लोगों से शिकायतें मांगनी शुरू की। शिकायतें आई भी और 24 घंटे में वहां से कूड़ा उठा। थोड़ी स्थिति बदली है, लेकिन बहुत कुछ बदलने की जरुरत है।

बीते सोमवार को जब डीएम ने बचत भवन में नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी और सफाई निरीक्षकों के साथ बैठक की तो साफ किया कि उन्हें कूड़े का ढेर नहीं चाहिए। शहर में एक बार, दो बार कूड़ा उठे। बीते सोमवार से रविवार तक लगातार डीएम ने सफाई व्यवस्था की मोनिटरिंग की। नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त को चेतावनी दी गई। तब निगम की सभी 157 गाड़ियां सुबह से शाम तक कूड़ा उठाने में लगी रही। डीएम के ट्विटर पर जिन्होंने भी शिकायत की तो उसका असर दिखा। 24 घंटे में कुटी चौराहा, पल्लवपुरम फेज-1, जैदी सोसाइटी, कंकरखेड़ा रेलवे स्टेशन जैसे इलाकों से लोगों ने डीएम को सीधे फोटो खींच कर ट्विट किया। डीएम ने उस पर निगम अधिकारियों को कार्रवाई के लिए। कूड़ा उठा तो फिर फोटो डाले गये। डीएम की इस कार्रवाई का थोड़ा असर हुआ। बस कमी रह गई है तो निगम के 3200 सफाई कर्मचारियों की परेड का। मुश्किल से ढाई हजार सफाई कर्मचारी भी ‌फिल्ड में नहीं उतर रहे। स्थायी एक हजार कर्मचारियों में 500-600 कर्मचारी ही सफाई कर रहे। यही हाल आउटसोर्सिंग के 2215 सफाई कर्मचारियों में से लगभग पांच सौ का है। वैसे जो काम डीएम ने किया, वह काम निगम अधिकारी भी कर सकते थे।

आज फिर डीएम लेंगे सफाई का हाल

डीएम अनिल ढींगरा का कहना है कि सोमवार को वे फिर नगर निगम अधिकारियों के साथ सफाई का हाल लेंगे। एक सप्ताह में जितनी कार्रवाई हुई है तो अगले सप्ताह उससे और ज्यादा होनी चाहिए। शहर की सफाई से कोई समझौता नहीं होगा।

स्मार्ट मेरठ, क्लीन मेरठ का नारा

डीएम ने ट्विटर पर आम लोगों की शिकायतों के साथ एक नारा दिया है-स्मार्ट मेरठ, क्लीन मेरठ। इसी नारे के साथ वे लोगों की शिकायतों को देखते हैं। कार्रवाई के बाद ‌फिर बताया जाता है।

200 सफाई कर्मचारियों का विवाद बढ़ा

उधर, नगर निगम में नये वार्डो में सफाई के लिए 200 कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर रखने को लेकर अब विवाद बढ़ने लगा है। अब इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.कुंवर सैन ने कहा कि कोई कुछ भी कहे। 200 सफाई कर्मचारियों की लिस्ट का वे आदेश जारी नहीं करेंगे। जब मेयर और कार्यकारिणी ने खारिज कर दिया है तो लिस्ट को निगम बोर्ड से पहले स्वीकृत कराया जाए। मनमाने तरीके से तैयार लिस्ट स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभी सफाई व्यवस्था थोड़ी पटरी पर आई ही थी कि सूरजकुंड डिपो के प्रभारी को मनमाने तरीके से बदल दिया गया है।

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