जागृति विहार में स्वाइन फ्लू का एक और मरीज मिला
शहर में स्वाइन फ्लू ने फिर से दस्तक दे दी है। दो नए मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई संदिग्ध मरीज उपचाराधीन हैं। जागृति विहार में तीन दिन पहले एक महिला को स्वाइन फ्लू की पुष्टि...
शहर में स्वाइन फ्लू ने फिर से दस्तक दे दी है। दो नए मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई संदिग्ध मरीज उपचाराधीन हैं। जागृति विहार में तीन दिन पहले एक महिला को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। शुक्रवार को महिला के पति को भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई तो जागृति विहार इलाके में खलबली मच गई। माना जा रहा है कि इस इलाके में स्वाइन फ्लू का वायरस है।
मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब ने एक और मरीज को स्वाइन फ्लू की पुष्टि की। स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों को टेमीफ्लू दी है। तीन दिन पहले शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती एक महिला को भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। जागृति विहार इलाके में दंपति को स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। लोगों में भी स्वाइन फ्लू को लेकर दहशत की स्थिति है। वर्ष 2017 में भी गर्मी और आर्द्रता के बीच यह वायरस सक्रिय हुआ था। निजी चिकित्सकों ने भी माना है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या ज्यादा हो सकती है। वायरल बुखार के मरीजों में कइयों में एच1एन1 के लक्षण मिल रहे हैं। बच्चों एवं बुजुर्ग मरीजों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है।
दूसरी ओर, डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू का वायरस संक्रमित होने से कई मरीजों में बीमारी की आशंका है। गले में खराश होने पर नमक-पानी का गरारा करें। डाक्टर को दिखाएं। मेडिकल में फ्री जांच उपलब्ध है और टेमीफ्लू दवा पूरी तरह प्रभावी है। बुजुर्ग, बच्चों, गर्भवती, व शुगर के मरीजों में ज्यादा संक्रमण होता है।
सावधानी बरतें चिकित्सक
स्वाइन फ्लू के रोगियों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को भी सुझाव दिया है कि उपचार के दौरान चिकित्सक सावधानी बरतें। मुंह पर मास्क लगाकर काम करें। रोगी में लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं और उपचारित करें।
ऐसे करें स्वाइन फ्लू से बचाव
- दिन में कई बार हाथ धोएं। हाथ को मुंह के पास न ले जाएं।
- छींकने या खांसने वाले मरीज से दूर रहें। खुद को खांसी आए तो मुंह पर कपड़ा रखें।
- जूठा खाने, एक ग्लास में पानी पीने, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले कपड़े, मेज या फर्श छूने से भी वायरस हो सकता है।
- हाथ न मिलाएं और लोगों से सिर्फ अभिवादन करें। भीड़ में कम जाएं।
ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण
- सर्दी, जुकाम के साथ गले में खराश, चुभन व दर्द होना।
- तेज छींक, बुखार, सिरदर्द, सांस फूलने के साथ चक्कर भी आता है।
- छाती में तेज दर्द, सांस टूटने, बलगम में खून, नाखून का रंग बदलने के लक्षण जानलेवा हैं।
- जटिल स्थिति में फेफड़ों में वायरस पहुंचकर निमोनिया बना देता है।
- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता होने पर फेफड़े पूरी तरह सफेद पड़ जाते हैं।