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अब भावनपुर में पकड़ा गया वन निगम की लकड़ियों से भरा ट्रक

वन निगम अफसरों और कर्मचारियों के सेटिंग के चलते लकड़ियों को चोरी-छिपे बेचने का खुलासा पिछले तीन दिनों में दूसरी बार हुआ है। तीन दिन पहले सरधना में एक आरा मशीन पर खतौली-मुजफ्फनरगर में काटी जा रही...

अब भावनपुर में पकड़ा गया वन निगम की लकड़ियों से भरा ट्रक
हिन्दुस्तान टीम,मेरठWed, 18 Sep 2019 01:52 AM
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वन निगम अफसरों और कर्मचारियों के सेटिंग के चलते लकड़ियों को चोरी-छिपे बेचने का खुलासा पिछले तीन दिनों में दूसरी बार हुआ है। तीन दिन पहले सरधना में एक आरा मशीन पर खतौली-मुजफ्फनरगर में काटी जा रही लकड़ियों को वन निगम कर्मचारियों द्वारा बेचने का खुलासा हुआ था। मंगलवार को भावनपुर क्षेत्र में वन निगम की लकड़ियों से भरा ट्रक पकड़ गया। आशंका जताई जा रही है कि यह लकड़ियां किसी ईंट भट्ठे पर बिकने जा रही थी। इन खुलासों के बाद वन अफसरों में खलबली मची है।

कीमती लकड़ी की तस्करी की शिकायतें शासन स्तर तक पहुंची। यह भी शिकायतें आ रही थी कि वन निगम के कर्मचारी लकड़ियों को अवैधानिक तरीके से बेच देते हैं। सोमवार रात कुछ लोगों ने मवाना रोड स्थित वन निगम के डिपो पर पैनी नजर रखी। बताते हैं कि सुबह यहां से पहला ट्रक निकला, जिसे लोगों ने पीछा कर पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर लोग वापस आए तो दूसरा ट्रक निकल रहा था। वे उसके पीछे लग गए। इसे भावनपुर क्षेत्र में पकड़ लिया गया। पुलिस और वन विभाग के अफसरों को जानकारी दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची तो लकड़ियों से भरा ट्रक छोड़कर चालक फरार हो गया। वन विभाग और पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ट्रक में भरी लकड़ियों को बेचा गया। यह ट्रक किला रोड पर किसी ईंट भट्ठे पर जा रहा था। सामने आया कि जो रवन्ना (प्रपत्र) गाड़ी को दिया गया था उस पर गाड़ी का रिठानी वन निगम स्टोर जाना अंकित है। तारीख भी 16 सितंबर को काटकर 17 सितंबर किया गया। लोगों का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जाए तो वन निगम कर्मचारियों द्वारा चोरी-छिपे लकड़ियों को बेचने के बड़े मामले का खुलासा हो सकता है।

क्षेत्रीय वन अधिकारी ने कब्जे में लिया लकड़ी भरा ट्रक

भावनपुर। ट्रक पकड़े जाने की सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी जकरनाथ कश्यप भावनपुर थाने पहुंचे। वहां गाड़ी को कब्जे में लेते हुए लकड़ी से भरी गाड़ी को अपने डिपो पहुंचवा दिया। क्षेत्रीय वन अधिकारी का कहना है जानकारी की जा रही है। पूरी रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी जाएगी।

सरधना में एक आरा मशीन पर मिली थी लकड़ी

तीन दिन पहले खतौली में काटे जा रहे पेड़ों की लकड़ी वन निगम कर्मचारियों द्वारा सरधना में एक आरा मशीन पर बेचने का खुलासा हुआ था। लकड़ी को जब्त किया गया था। आरा मशीन के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई वन विभाग की ओर से की जा रही है।

डीएफओ ने की जीएम वन निगम से बात

डीएफओ अदिति शर्मा ने पहले सरधना और अब भावनपुर क्षेत्र में हुई घटना को लेकर वन निगम की जीएम इंदु शर्मा से बात की। दोनों अधिकारियों के बीच दोनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बात हुई। डीएफओ का कहना है कि दोनों मामलों में रिपोर्ट मिलते ही घटनाओं में लिप्त कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

वन निगम के पास होती हैं दो तरह की लकड़ियां

वन विभाग जिन पेड़ों के कटान की स्वीकृति लेता है, उनका कटान वन निगम से कराया जाता है। वन निगम के पास दो तरह की लकड़ियां होती है। इनमें एक लट्ठे होते हैं, दूसरे जलाने वाली लकड़ियों की नीलामी के जरिए बिक्री होती है।

शहर में नो एंट्री तो नहर पटरी पर क्यों पहुंचा ट्रक

वनकर्मियों का कहना है कि लकड़ियों से भरा ट्रक रिठानी जा रहा था। शहर में दिन में नो एंट्री लागू होती है। ऐसे सवाल है कि यदि शहर में भीतर नो एंट्री थी तो यह बाहर बाईपास के रास्ते रिठानी जा सकता है। भावनपुर क्षेत्र में नहर पटरी पर ट्रक क्यों पहुंचा और वहां से कौन सा रास्ता रिठानी पहुंचता है। माना जा रहा है कि लकड़ियों को किसी ईंट भट्ठे पर बेचने के लिए भेजा जा रहा था।

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सरधना और भावनपुर मामलों में रिपोर्ट आते ही कार्रवाई होगी। सरधना मामले में उड़नदस्ते की रिपोर्ट का इंतजार है। भावनपुर मामले में जीएम वन निगम से वार्ता की है। जिस तरह दोनों मामले पकड़े गए वह गंभीर है - अदिति शर्मा, डीएफओ

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