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दूसरे दिन भी मकबरा घोसियान में खुद शिफ्ट होने लगी डेयरियां, कैटल कालोनी की उठी जोरदार मांग

शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई अभियान जारी रहा। मकबरा घोसियान में डेयरी संचालकों ने खुद ही डेयरियों को खाली कर पशुओं को शिफ्ट करना शुरू करना शुरू किया। हालांकि दोपहर तक सारी...

दूसरे दिन भी मकबरा घोसियान में खुद शिफ्ट होने लगी डेयरियां, कैटल कालोनी की उठी जोरदार मांग
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 16 Jun 2019 02:16 AM
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शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई अभियान जारी रहा। मकबरा घोसियान में डेयरी संचालकों ने खुद ही डेयरियों को खाली कर पशुओं को शिफ्ट करना शुरू करना शुरू किया। हालांकि दोपहर तक सारी डेयरियों से पशुओं को नहीं हटाने पर नगर आयुक्त ने मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। उधर,भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने नगर आयुक्त, एडीएम सिटी, एसपी सिटी, अपर नगर आयुक्त से मिलकर कैटल कालोनी बसाने की मांग की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को डेयरियां हटाने के दौरान भले ही विरोध हुआ हो, लेकिन उस दौरान की गई सख्ती का ये असर दिखा कि अब डेयरी संचालक खुद ही डेयरियां शिफ्ट करने लगे हैं। नगर निगम से चंद कदमों की दूरी पर मकबरा घोसियान में शुक्रवार रात से ही सैकड़ों पशुओं को अलग-अलग स्थानों पर शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया, जो दोपहर तक जारी रहा। डेयरी संचालक, पशुओं को डीसीएम और ट्रकों में भरकर ले जाते रहे। इसकी सूचना मिलने पर नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम ने डेयरियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। हालांकि नगरायुक्त मनोज कुमार चौहान, एडीएम सिटी महेश चंद शर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट संजय पांडेय और अपर नगरायुक्त अमित कुमार सिंह ने दोपहर बाद मकबरा घोसियान का निरीक्षण किया और कई डेयरियों में पशु दिखने पर डेयरी संचालकों के नाम नोट कर लिया। तुरंत डेयरी संचालकों को बुलाकर कह दिया कि तुरंत पशु हटाएं नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। नगरायुक्त ने मौके पर निर्देश दिए कि डेयरी न हटाने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। डेयरी संचालकों ने आरोप लगाया है कि कई जगह पुलिस उनके वाहन रोककर अवैध वसूली कर रही है। वहीं डेयरी संचालकों ने एक बार फिर कैटल कालोनी की मांग की है।

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भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी के पास पहुंचे डेयरी संचालक, एडीएम के स्तर पर हुई बैठक

उधर, डेयरी संचालकों की कैटल कालोनी की मांग के समर्थन में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता भी आ गए हैं। सुबह में डेयरी संचालक वाजपेयी के आवास पर पहुंचे। इसको लेकर उन्होंने एडीएम सिटी महेश चंद शर्मा के कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। कैटल कालोनी के निर्माण की मांग की। इस बैठक में नगरायुक्त मनोज चौहान, एसपी सिटी डा. अखिलेश नारायण सिंह, अपर नगरायुक्त अमित कुमार सिंह भी मौजूद रहे। काफी देर तक वार्ता चली और डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने साफ कहा कि वो भी चाहते हैं कि डेयरियां शहर से बाहर होनी चाहिए, लेकिन कैटल कालोनी बनने के बाद। उन्होंने कहा कि एमडीए कैटल कालोनी बसाए और डेयरी संचालकों से भी चार्ज हो तो वो लिया जाए, क्योंकि अचानक से डेयरिया कहां शिफ्ट की जाएंगी और भीषण गर्मी में पशुओं को भी परेशानी होगी। हालांकि अधिकारियों की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया। एमडीए के एसई पीके सिंह ने कहा कि हापुड़ रोड स्थित अलीपुर जिजमाना में कैटल कालोनी की प्रक्रिया चल रही है। बाद में नगर आयुक्त ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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टाउन हॉल में थी 150 कर्मचारियों की फौज

डेयरियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए नगर निगम के 150 सफाई कर्मचारियों की फौज शाम तक टाउन हॉल में डेरा डाले रही। डेयरियों को हटाने के लिए नगर निगम ने अब अपनी पूरी तैयारी करी है। सुबह से 150 सफाई कर्मचारियों की फौज को अलर्ट रखा गया था। चूंकि मकबरा घोसियान में डेयरी संचालक खुद ही अपनी डेयरियां हटा रहे थे, इसलिए इन कर्मचारियों को मूव नहीं किया गया और न ही पुलिस फोर्स को बुलाया गया था। नगरायुक्त के निर्देश पर 12 सफाई इंस्पेक्टर और 20 सुपरवाइजर और 150 सफाई कर्मचारियों को सुबह ही बुला लिया गया था। इनके से कुछ कर्मचारियों को मकबरा घोसियान के पास तैनात भी किया गया था, जो पल-पल की फोटो और वीडियो अधिकारियों को भेज रहे थे। जब भी डीसीएम या छोटे हाथी भरकर गाय और भैंसों को कहीं ले जाया जा रहा था, तो उसकी फोटो तुरंत अधिकारियों को भेजी जा रही थी। शाम करीब पांच बजे के बाद टाउन हॉल में मौजूद कर्मचारियों को वापस भेज दिया गया।

तालाब पर मिला कब्जा, फल दुकान पर पॉलीथिन

दूसरी ओर जिस वक्त नगरायुक्त और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मकबरा घोसियान का निरीक्षण करके वापस लौट रही थी, तभी वहां एक फलों के ठेले पर पॉलीथिन देखकर नगरायुक्त गुस्से में आ गए। फल वाले की जमकर क्लास लगाई और फल वाले ने जब ये बताया कि पहले भी चालान काटा गया है साहब। माफ कर दीजिए, इस पर नगरायुक्त और गुस्से में आ गए और खुद ही मौके पर 1 हजार रूपये का चालान काट दिया और मौके पर ही नगर निगम की टीम ने जुर्माना भी वसूल लिया। उन्होंने साफ कहा कि जब पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो फिर कैसे पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। उधर, एक तालाब पर भी कब्जा मिला तो नगर आयुक्त ने कार्रवाई के निर्देश दिये।

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