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एसटीएफ के सिपाही और वाहन चोर ने कराया कांग्रेस नेता पर मुकदमा, पुलिस ने उठाया

एसटीएफ मेरठ में तैनात सिपाही और वाहन चोरी के आरोपी के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। दोनों ने लेनदेन के विवाद में कांग्रेस नेता पर एक के बाद एक कई मुकदमे और तहरीर शहर के अलग-अलग थानों में दी। एक लूट का...

एसटीएफ के सिपाही और वाहन चोर ने कराया कांग्रेस नेता पर मुकदमा, पुलिस ने उठाया
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 20 May 2019 02:11 AM
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एसटीएफ मेरठ में तैनात सिपाही और वाहन चोरी के आरोपी के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। दोनों ने लेनदेन के विवाद में कांग्रेस नेता पर एक के बाद एक कई मुकदमे और तहरीर शहर के अलग-अलग थानों में दी। एक लूट का मुकदमा मेडिकल थाने में भी दर्ज कराया। मेडिकल पुलिस ने भी सेटिंग के इस मुकदमे में बिना जांच किए कांग्रेस नेता को उठा लिया और पूरी रात हवालात की हवा खिलाई। परिजनों ने पूरा मामला पुलिस को बताते हुए डीजीपी तक से शिकायत कर दी। मामले में खुद को फंसता देखकर पुलिस ने रविवार को कांग्रेस नेता को छोड़ दिया। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो सका कि आखिर मुकदमा किसकी सिफारिश पर और क्यों लिखा गया?

मेडिकल के जागृति निवासी हेमंत प्रधान यूथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष है। हेमंत बिल्डर है और बिजली विभाग में ठेके भी लेते है। इनके पिता स्वर्गीय डा. कुशलपाल सिंह प्रोफेसर थे और दादा यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर थे। दोनों भाई इंद्रजीत सिंह और सिद्धार्थ सिंह एरिक्सन कंपनी अमेरिका में इजीनियर है और वहीं रह रहे हैं। हेमंत प्रधान और उनके साथी इंजीनियर के खिलाफ मेडिकल थाने में 10 मई को लूट का एक मुकदमा शोएब निवासी हापुड़ रोक की तहरीर पर दर्ज किया गया। घटनास्थल मेडिकल कॉलेज गेट और लूट की रकम 15 हजार रुपये दिखाई गई। इसी मुकदमे में शनिवार रात को मेडिकल पुलिस ने हेमंत को उठाया और पूरी रात लॉकअप में रखा गया। रविवार को हेमंत के परिजनों ने एसएसपी से लेकर डीजीपी तक से शिकायत की और बताया कि उन्हें लेनदेन के विवाद में फर्जी मुकदमे दर्ज करके फंसाया गया है। हेमंत की ओर से आरोप है कि मेडिकल पुलिस ने लूट का ये मुकदमा एसटीएफ मेरठ में तैनात एक सिपाही और उसके मुखबिर शोएब के कहने पर फर्जी तरीके से दर्ज किया। इसके बाद मेडिकल पुलिस को लगा कि मामला ज्यादा तूल पकड़ गया है तो हेमंत को रविवार दोपहर छोड़ दिया गया। ----वारदात के समय गंगानगर में लोकेशनहेमंत ने पुलिस को बताया कि 10 मई को वो गंगानगर में अपनी मौसी के यहां पर था। उस जगह की मोबाइल लोकेशन के अलावा सीसीटीवी की पड़ताल करने का भी दावा हेमंत की ओर से किया गया। जिस समय वारदात हुई, उस समय को लेकर जांच भी पुलिस द्वारा की गई। इसके बाद हेमंत के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो उसे छोड़ा गया। ----दोनों पक्षों में ये है विवाद हेमंत ने बताया कि पिछले साल उन्होंने बिजली विभाग में ठेका लिया था। बताया कि शोएब का भाई अनस उनके पास काम करता था। काम में गड़बड़ी पर अनस से विवाद हुआ तो उसे निकाल दिया। इस दौरान जो भी बकाया था वो पिछले साल मई और अक्टूबर में कर दिया गया था। इस दौरान शोएब और उसका परिचित एसटीएफ मेरठ में तैनात सिपाही भी आए थे। इसके बाद सारा लेनदेन खत्म हो गया था। इसके बाद से ही एसटीएफ का सिपाही और शोएब पीछे लगे हैं। ----वाहन चोर से एसटीएफ सिपाही का कनेक्शनशोएब मूल रूप से जानी के बहरामपुर का रहने वाला है। उसे पुलिस ने तीन साल पहले वाहनों की चोरी और कटान में गिरफ्तार किया था। इस दौरान उसके पास से कार का कटा हुआ इंजन भी बरामद किया गया था। बाद में वाहन चोर जमानत पर रिहा हो गया। अब इस वाहन चोर से एसटीएफ के चचित सिपाही का क्या कनेक्शन है, ये तो पूछताछ के बाद ही साफ हो सकेगा। हालांकि चर्चा ये है कि एसटीएफ के सिपाही का वाहन चोर को संरक्षण है और अवैध धंधे अंजाम देने में मदद करता है। इसके अलावा कोई खास काम हो तो एसटीएफ सिपाही इसी से कराता है। ----पहले भी चर्चाओं में रहा एसटीएफ का सिपाहीएसटीएफ में तैनात सिपाही पूर्व में भी कई बार चर्चाओं में रहा। मेरठ जिले में ही कई साल से जमा ये सिपाही वेस्ट यूपी के बहुत बड़े अपराधी का नजदीकी है। इतना ही नहीं, पूर्व में कई बड़े मामलों में नाम आ चुका है। हत्या और लूट के आरोपियों के साथ भी इस सिपाही के फोटो मेरठ में वायरल हो चुके हैं। इतना ही नहीं, जब मेरठ पुलिस में इस सिपाही के खिलाफ माहौल बना तो ये एसटीएफ में ट्रांसफर कराकर निकल गया।----इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। इस मामले में पूरी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी और रिपोर्ट भी भेजी जाएगी। नितिन तिवारी, एसएसपी मेरठ।

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