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कातिलों ने मोबाइल नंबर बदलकर पुलिस को उलझाया

दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल सरबजीत की हत्या जितने सनसनीखेज तरीके से अंजाम दी गई, उससे ज्यादा शातिराना अंदाज में कातिलों ने खुद को बचाने की योजना बनाई थी। पुलिस की किस्मत अच्छी थी कि नितिन की मां के...

कातिलों ने मोबाइल नंबर बदलकर पुलिस को उलझाया
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 19 Nov 2018 01:35 AM
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दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल सरबजीत की हत्या जितने सनसनीखेज तरीके से अंजाम दी गई, उससे ज्यादा शातिराना अंदाज में कातिलों ने खुद को बचाने की योजना बनाई थी। पुलिस की किस्मत अच्छी थी कि नितिन की मां के नंबर की पड़ताल कर ली गई और उसकी लोकेशन घटनास्थल के पास मिली। इसके बाद पुलिस ने काम किया तो बड़ा खुलासा हुआ। शातिर अपराधियों ने वारदात के बाद खुद को बचाने के लिए अपने मोबाइल नंबर परिजनों से बदल दिए थे। ऐसे में पुलिस अब बाकी दोनों आरोपियों के परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवा रही है।

दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल सरबजीत सिंह की बवनपुरा गांव के पास बाइक सवार तीन युवकों ने 14 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी थी। क्राइम ब्रांच ने पूछताछ और जांच के बाद मुंडाली के मंढैया निवासी नितिन, लोकेंद्र और अंकित को क्लीन चिट दी थी। खरखौदा पुलिस ने इन्हीं तीनों को शनिवार को उठाया और पूछताछ करते हुए केस खोल दिया। केस में सनसनीखेज खुलासा ये किया गया कि आरोपियों ने अपने मोबाइल नंबर और फोन को बदलकर पुलिस को गुमराह किया था।

दरअसल पुलिस ने जब छानबीन की तो नितिन के मोबाइल की लोकेशन अजराड़ा में ही थी। बाकी दोनों आरोपियों लोकेंद्र और अंकित की लोकेशन भी मंढैया में पाई गई। इसी बात को लेकर क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को पूर्व में छोड़ दिया था। हालांकि पुलिस ने जब स्केच बनवाए तो एक मुखबिर ने दोबारा से पुलिस को इन्हीं तीनों युवकों नितिन, लोकेंद्र और अंकित का नाम बताया। पुलिस ने तीनों को शनिवार को उठाया और पूछताछ की गई।

इसी दौरान ये खुलासा हुआ कि कातिलों ने पुलिस को गुमराह किया है। सभी ने अपने परिजनों के मोबाइल नंबर को अपना नंबर बताया था। ऐसे में पुलिस इनकी लोकेशन ही देख रही थी। इस सबके बीच पुलिस ने नितिन के मां के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। दरअसल, नितिन की मां के मोबाइल नंबर की लोकेशन वारदात वाली दोपहर 2.38 के आसपास घटलास्थल के आसपास मिली। नितिन की मां से पूछा तो उन्होंने बताया कि वो उस ओर गई ही नहीं थी। ऐसे में साफ हो गया कि आरोपियों ने परिजनों के साथ मोबाइल नंबर और सिम बदल लिए हैं। इसी लाइन पर पुलिस आगे काम कर रही है और बाकी के परिजनों के मोबाइल नंबर की पड़ताल की जा रही है।

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स्केच और शिनाख्त परेड बड़ा सबूत

एसपी देहात राजेश कुमार ने बताया कि घटना की चश्मदीद सरबजीत की पत्नी संगीता के बताए अनुसार गाजियाबाद से स्केच आर्टिस्ट से दो स्केच बनवाए गए थे। ये दोनों ही स्केच दो आरोपियों से करीब 90 प्रतिशत मिलान खाते हैं। वहीं संगीता ने शिनाख्त परेड के बीच आरोपियों को पहचान भी लिया है। ऐसे में आरोपियों को जेल भेजा गया है।

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पुलिस ने नहीं बरामद दिखाया तमंचा

जिस असलाह से गोली मारी गई, उसे पुलिस ने बरामद नहीं दिखाया है। दरअसल, पुलिस इस मामले में खुद को बचाकर चल रही है। यदि केस में कोई नया मोड़ आता है और जेल भेजे गए तीनों आरोपी निर्दोष मिलते हैं तो पुलिस उनके पक्ष में रिपोर्ट भेजकर रिहा करा सकती है। यहीं कारण है कि आरोपियों ने जब जुर्म नहीं कबूला तो पुलिस ने इसे ही अपनी केस डायरी का हिस्सा बनाया है।

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