मेरठ मेट्रो और दिल्ली मेट्रो के सात कोरिडोर से लिंक होगी रैपिड रेल
मेरठ मेट्रो और रैपिड रेल के स्टेशन कुछ प्रमुख स्थानों पर इस तरह से लिंक होंगे कि लोग एक से दूसरी ट्रेन में आसानी से आ-जा सकेंगे। मेरठ में परतापुर से मोदीपुरम तक रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो का ट्रैक एक...
मेरठ मेट्रो और रैपिड रेल के स्टेशन कुछ प्रमुख स्थानों पर इस तरह से लिंक होंगे कि लोग एक से दूसरी ट्रेन में आसानी से आ-जा सकेंगे। मेरठ में परतापुर से मोदीपुरम तक रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो का ट्रैक एक ही होगा। इनके छह स्टेशन भी साझा होंगे। दूसरी तरफ दिल्ली में मेट्रो के इस समय की सात लाइनों के स्टेशनों से रैपिड रेल के स्टेशन लिंक होंगे।
एनसीआरटीसी का दावा है कि रैपिड रेल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में भरोसा बढ़ाएगी। इस समय मेरठ से दिल्ली के बीच 37 फीसदी लोग सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के जरिए सफर करते हैं। रैपिड रेल चालू होने के बाद यह हिस्सेदारी 63 फीसदी तक पहुंच जाएगी। मेरठ से दिल्ली के बीच रैपिड रेल के पहले कोरिडोर पर इसी साल काम शुरू होने जा रहा है। एनसीआर में कुल आठ कोरिडोर होंगे। एनसीआरटीसी के प्रबंधक निदेशक विनय कुमार सिंह ने अपने एक लेख में कहा है कि रैपिड रेल से एनसीआर के शहर सीधे जुड़ जाएंगे। इसके जरिए सफर करने से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि बार-बार ट्रेन बदलने की झंझट से भी छुटकारा मिलेगा। मेरठ से दिल्ली एयरपोर्ट तक की यात्रा बगैर ट्रेन बदले की जा सकेगी। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड इसके लिए डीएमआरसी की मदद लेगा। परियोजना वर्ष 2023 तक पूरी होगी। रैपिड रेल के पहले चरण में दिल्ली-मेरठ रूट पर काम शुरू होगा। इसके बाद दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर रूट पर काम होगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की योजना है कि एनसीआर के अलग-अलग शहरों में रह रहे लोगों को परिवहन के लिए ज्यादा साधन न बदलने पड़ें। सराय काले खां पर सबसे बड़ा इंटरचेंज बनाया जाएगा। इसके बाद मेरठ से अलवर, सोनीपत के लिए भी कुछ ट्रेन सीधे चलेंगी। एयरपोर्ट को ट्रेन के साथ सीधे जोड़ा जाएगा। ट्रेन से उतरने वाले यात्री स्काईवॉक और एस्केलेटर से एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।