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मेरठ हैरिटेज दर्शन पर निकला सेंट जोन्स स्कूल का दल

सेंट जोन्स सीनियर सेकेंडरी स्कल से छात्र-छात्राओं कादल मेरठ हैरिटेज दर्शन के लिए स्पेशल बस से यात्रा पर निकला। प्रधानाचार्या के साथ 32 सदस्यीय छात्र-छात्राओं के दल ने ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक...

मेरठ हैरिटेज दर्शन पर निकला सेंट जोन्स स्कूल का दल
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 16 Apr 2018 12:46 AM
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सेंट जोन्स सीनियर सेकेंडरी स्कल से छात्र-छात्राओं कादल मेरठ हैरिटेज दर्शन के लिए स्पेशल बस से यात्रा पर निकला। प्रधानाचार्या के साथ 32 सदस्यीय छात्र-छात्राओं के दल ने ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व वाले स्थलों की सैर की।

मेरठ हैरिटेज दर्शन बस रविवार सुबह 7:30 बजे कैंट स्थित सेंट जोन्स सीनियर सेकेडरी स्कूल से रवाना हुई। इस मौके पर टूर कोआर्डिनेटर विवेक खरे तथा मिशिका सोसायटी के अध्यक्ष अमित नागर मौजूद रहे। बस में प्रधानाचार्या चंद्रलेखा जैन के साथ 31 छात्र और छात्राएं शामिल रही। बस पहले बस विक्टोरिया पार्क पहुंची। इसके बाद परीक्षितगढ़, हस्तिनापुर, सरधना, भोला की झाल पहुंची। यहां पर लोगों ने इतिहास जाना और पुरानी इमारतों को देखकर गदगद हो उठे।

विक्टोरिया पार्क में लोगों को यहां के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी। इस पर कुछ लोग बोले की यहीं पर वह जेल थी, जहां 1857 के 85 क्रांतिकारियों को कैद किया गया था और फिर क्रांतिकारियों को जेल तोड़कर छुड़ाया गया था। इसी स्थान पर नवम्बर 1947 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का आखिरी अधिवेशन भी हुआ था और उसी अधिवेशन में यह घोषणा की गयी थी कि कांग्रेस का अगला अधिवेशन आज़ाद भारत में होगा। जिस स्थान पर कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था वहां एक पुराना चबूतरा स्थित है।

विक्टोरिया पार्क से किला गांधारी सरोवर, हस्तिनापुर पाड्वेश्वार मन्दिर, कर्ण मंदिर, अष्ठापद, बडा जैन मंदिर, कैलाश पर्वत से जंबूदीप मे भोजन कराकर सरधना के लिए रवाना किया गया l रोमन कैथोलिक चर्च दिखाने के बाद भोला की झाल से गंगोल तीर्थ से शाही ईदगाह, शहीद स्मारक संग्रहालय दिखाकर कांच का गुरुद्वारा से काली पल्टन मन्दिर पर मेरठ हैरिटेज दर्शन यात्रा का समाप्त हुआ l यात्रा के दौरान मिशिका सोसाइटी द्वारा ओडियो और वीडियो के माध्यम से सभी ऐतिहसिक स्थलों की संपूर्ण जानकारी दी गई। संस्था द्वारा विजिटर बुक के माध्यम से सभी यात्रियों को यात्रा का अनुभव भी लिया। टूर कोओर्डिनेटर विवेक खरे और अमित नागर ने बताया कि बस को ऑन लाइन ट्रकिग सिस्टम से बस की लोकेशन मिलती रही। जो की सुरक्षा के मद्देनजर जरुरी थी l

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