बीएससी और एमएससी परीक्षाओं के खेल से शुरू किया धंधा
एमबीबीएस परीक्षा में कॉपी बदलने और नकल कराने वाले जिस गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया, उसकी शुरूआत यूनिवर्सिटी परीक्षाओं में कॉपी बदलने से हुई थी। गिरोह ने पूछताछ में खुलासा किया कि पहले वो बीएससी,...
एमबीबीएस परीक्षा में कॉपी बदलने और नकल कराने वाले जिस गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया, उसकी शुरूआत यूनिवर्सिटी परीक्षाओं में कॉपी बदलने से हुई थी। गिरोह ने पूछताछ में खुलासा किया कि पहले वो बीएससी, एमएससी समेत कई परीक्षा के पर्चे लीक किए और कॉपी बदलवाई। इतना ही नहीं, इस मामले में शामिल कई अन्य की तलाश में एसटीएफ की दबिश जारी है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एक ऐसा गिरोह सक्रिय था जो एमबीबीएस परीक्षा की कॉपियां बदलता था। इस प्रकरण में एसटीएफ ने चार आरोपियों को शनिवार को उठाया था। इसके बाद पूछताछ की गई तो गिरोह में शामिल कविराज ने ही खुलासा किया कि काफी समय से इस काम से जुड़े हैं। बताया कि सबसे पहले उन्होंने विश्वविद्यालय में नंबर बढ़वाने का खेल शुरू किया था। इस दौरान नंबरों की शीट में हेराफेरी कराते थे। बताया कि ये काम ज्यादा दिन नहीं चल सका और कुछ लोगों को शक होने लगा। इसके बाद आरोपियों ने बीएससी, एमएससी, बीए, एमए समेत बाकी प्रतियोगी परीक्षाओं की कॉपी बदलने का खेल शुरू किया था। बताया कि इस काम के लिए पांच से 10 हजार रुपये तक लेते थे। बाद में इस खेल को कई अन्य परीक्षा में भी किया गया। आरोपियों ने एसटीएफ को बताया कि बीएससी और एमएससी परीक्षा में पास कराने के लिए उन्होंने करीब 100 से ज्यादा छात्रों से पैसा उठाया था। बताया कि इसके बाद बड़ा काम करने का प्लान बना। इस काम में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का साथ पहले से ही था। इसलिए एमबीबीएस परीक्षा में खेल करके मोटी रकम कमाने का काम शुरू किया गया। एसटीएफ अब इस मामले में पुरानी सारी परतें खोलने में लगी है।