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मवाना मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए मची है मारा-मारी

मवाना मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए किसानों में मारामारी मची हुई है। मवाना मिल ने दो करोड़ एक लाख कुंतल गन्ना पेराई कर चुकी है, जिससे 23 लाख बोरे चीनी बनी है। मिल अफसरों का दावा है कि बाजार में 26 सौ...

मवाना मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए मची है मारा-मारी
हिन्दुस्तान टीम,मेरठWed, 09 May 2018 01:50 AM
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मवाना मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए किसानों में मारामारी मची हुई है। मवाना मिल ने दो करोड़ एक लाख कुंतल गन्ना पेराई कर चुकी है, जिससे 23 लाख बोरे चीनी बनी है। मिल अफसरों का दावा है कि बाजार में 26 सौ रुपये प्रति कुंतल चीनी बिक रही है, जबकि प्रति कुंतल बोरे पर 35 सौ रुपये खर्च आ रहा है, इस तरह से मिल प्रबंधन को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। इस बारे में मिल प्रबंधन ने एक पत्र मवाना एसडीएम को भी लिखा है।

मवाना मिल में गन्ना आपूर्ति को लेकर पिछले चार दिनों से मारामारी मची हुई है। मिल गेट और ट्रकों के माध्यम से बादस्तूर गन्ना आ रहा है। मिल पर पहले गन्ना डालने को लेकर किसानों के बीच विवाद भी हो रहे हैं। यहां तक की मारपीट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। मवाना मिल प्रबंधन ने 27 अप्रैल को एसडीएम को लिखे पत्र में कहा कि गन्ना आयुक्त ने मिल की गन्ना आपूर्ति 171.52 लाख कुंतल तय की है। इसके सापेक्ष गन्ना आयुक्त ने 150.34 लाख कुंतल गन्ने का ऑफर दिया गया है। मिल प्रबंधन ने पत्र में कहा कि मवाना मिल दो करोड़ एक लाख कुंतल गन्ना पेराई कर 23 लाख कुंतल चीनी के बोरे बना चुकी है। वहीं, मिल प्रबंधन ने दावा किया कि इस वर्ष चीनी के दामों में अचानक मंदी आ गई है। बाजार में 26 सौ रुपये प्रति कुंतल चीनी बिक रही है, जबकि मिल में प्रति कुंतल चीनी बनाने में 35 सौ रुपये प्रति कुंतल खर्च आ रहा है। शीरे के दाम भी पांच सौ रुपये प्रति कुंतल तक है। चीनी उद्योग को प्रति कुंतल बोरी चीनी बनाने में नौ सौ से एक हजार रुपये प्रति कुंतल का नुकसान हो रहा है। प्रतिदिन लाखों रुपये की चपत चीनी उद्योग को लग रही है। इसी कारण किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान का मामला प्रभावित हो रहा है। पिछले सालों में मवाना मिल ने अधिकतम 1.82 लाख कुंतल गन्ना पेराई किया है। इस पेराई सत्र में मवाना मिल इससे अधिक गन्ना पेराई कर चुकी है। यूनिट हेड वाईके चौहान ने कहा कि पिछले आठ दिनों से किसान मिल को बहुत खराब गन्ना आपूर्ति कर रहे हैं। रोकने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। इससे मिल में आक्समिक ब्रेक डाउन की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके बावजूद आर्थिक नुकसान व तकनीकी समस्याओं को झेलते हुए पेराई कार्य मिल प्रबंधन निरंतर पेराई कर रहा है। मवाना मिल का पेराई समापन 11 को मवाना मिल पेराई सत्र 2017-18 का समापन 11 मई को करेगी। अभी तक प्रतिदिन मवाना मिल गेट पर किसान गन्ना आपूर्ति कर रहे हैं। मिल के गन्ना महाप्रबंधक प्रमोद बालियान बताते है कि उन्होंने तीसरे बंदी का नोटिस अभी जारी नहीं किया है क्योंकि मिल गेट पर गन्ने की आपूर्ति हो रही है लेकिन 11 मई तक मवाना मिल पेराई करेगी। 11 मई को मिल का पेराई सत्र बंद होने की संभावना है।

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