मवाना तहसील क्षेत्र बन सकता है औद्योगिक हब
मवाना तहसील क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त जमीन है। इस तहसील क्षेत्र में यदि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अफसरों की मेहरबानी हो जाये। मवाना क्षेत्र के कई गांवों के...
मवाना तहसील क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त जमीन है। इस तहसील क्षेत्र में यदि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अफसरों की मेहरबानी हो जाये। मवाना क्षेत्र के कई गांवों के प्रधानों और जिम्मेदार ग्रामीणों ने उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन देने की पहल की है। मवाना तहसील क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना कराने के लिए कई गांवों के प्रधानों व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, मंडलायुक्त व डीएम को पत्र भेजा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भी लखनऊ में 22 व 23 फरवरी 2018 को आयोजित इनवेस्टर्स समिट 2018 में वेस्ट यूपी को औद्योगिक हब बनाने के लिए निवेशकों से उम्मीद जताई थी।
मवाना तहसील में मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे, किला परीक्षितगढ़ स्टेट हाईवे और हस्तिनापुर मकदूमपुर गंगा पर बना पुल बिजनौर व मुरादाबाद को जोड़ने वाला हाईवे निर्माणाधीन है। उद्योगों के लिए मुख्य रूप से जमीन, खराब पानी की निकासी के लिए छोटे-छोटे कई नालें, यातायात के लिए सड़क और जमीन देने के लिए क्षेत्र के किसानों की सहमति जरूरी है। साथ ही क्षेत्र में कामगार मजदूरों की उपलब्धता है। मवाना तहसील क्षेत्र में 298 गांव है। तहसील क्षेत्र के फिटकरी गांव के प्रधान ओमबीर सिंह, बना किशोरीपुरा के प्रधान रवि प्रकाश, पहाड़पुर के सहेंद्र, नंगलीईशा की प्रधान लता देवी समेत अनेक प्रधान व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, मंडलायुक्त व डीएम को लिखे पत्र में कहा कि फिटकरी गांव पहले से ही औद्योगिक क्षेत्र है, उसमें तीन उद्योग संचालित हुए है। इसी तरह से बनां, नंगली ईशा, बिसौला, पहाड़पुर, आक्खेपुर, किला परीक्षितगढ़ रोड पर सठला, ढ़िकौली, कूड़ी कमालपुर, बहादरपुर, ततीना समेत अनेक गांव स्थित है।
किला परीक्षितगढ़ मार्ग पर मवाना शुगर मिल के अलावा तीन बड़ी कम्पनियों अमूल, मधूसूदन व मदर समेत तीन डेयरियां चल रही है। प्रधानों व ग्रामीणों ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अफसर सर्वे कर निवेशकों को इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित कराने के लिए राजी कर सकते हैं। मवाना तहसील में 765 केवी का बिजलीघर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
करीब छह माह पहले मंडलायुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने यूपीएसआईडीसी के अफसरों को बैठक में आदेश दिये थे कि मेरठ-बिजनौर मार्ग पर मीरापुर और मीरापुर से जानसठ तक हाईवे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र बनाया जा सकता है। उद्योगों की स्थापना के लिए सर्वे करने के आदेश दिये थे। ग्रामीण और कई गांवों के प्रधानों व ग्रामीणों ने मंडलायुक्त व डीएम से मांग की कि वे यूपीएसआईडीसी के अफसरों से मवाना तहसील क्षेत्र में उद्योगों की जमीन उपलब्धता के लिए फिर से सर्वे करायें और इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित कराने की दिशा में पहल करें।