Hindi NewsUttar-pradesh NewsMeerut NewsMajor Action Against Illegal Construction in Meerut s Central Market 45 Officials and 21 Traders Charged
सेंट्रल मार्केट प्रकरण: आवास विकास के 45 अफसरों, 21 व्यापारियों पर मुकदमा

सेंट्रल मार्केट प्रकरण: आवास विकास के 45 अफसरों, 21 व्यापारियों पर मुकदमा

संक्षेप: Meerut News - -सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई को लेकर आवास विकास ने देर रात कराया मुकदमा -आवास विकास

Fri, 17 Oct 2025 08:51 AMNewswrap हिन्दुस्तान, मेरठ
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मेरठ, मुख्य संवाददाता शहर के सेंट्रल मार्केट में अवैध निर्माण के मामले में शासन के आदेश पर आवास विकास ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार की देर रात अपने ही विभाग के 45 अफसरों और 21 व्यापारियों के खिलाफ नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पहले 21 व्यापारियों के खिलाफ तहरीर दी गई थी। बाद में 45 अफसरों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। 27 अक्तूबर तक सुप्रीम कोर्ट में शासन,प्रशासन और आवास विकास को जवाब देना है। लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में सेन्ट्रल मार्केट के 661/6 में अवैध निर्माण को लेकर मामला चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने आवासीय में व्यवसायिक निर्माण को लेकर गंभीर आपत्ति दर्ज करते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है। इस आदेश को लेकर करीब 10 महीने से कागजी कार्रवाई चल रही है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस मामले में शासन, प्रशासन और आवास विकास से 27 अक्तूबर तक जवाब देने को कहा है। इसके बाद से लगातार शासन, प्रशासन और आवास विकास में कार्रवाई को लेकर मंथन चल रहा है। इस बीच शासन के आदेश पर गुरुवार को शाम एक तहरीर में 21 व्यापारियों को आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया। दूसरी तहरीर में आवास विकास के ही 45 अफसरों, इंजीनियर को आरोपी बनाकर मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमा दर्ज होते ही आवास विकास और व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। अब संभावना है कि पुलिस, प्रशासन जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगा। -------------------- सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 में दिया था ध्वस्तीकरण का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 में ही सेंट्रल मार्केट के अवैध निर्माण को ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था। व्यापारी जनप्रतिनिधियों, शासन और सुप्रीम कोर्ट से बार-बार गुहार लगाते रहे। सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के साथ ही आवास विकास के अफसरों को भी जिम्मेदार बताया था। अब उस मामले में कार्रवाई प्रारंभ हुई है। एक साथ 45 अफसरों को आरोपी बनाने से विभाग में भी हड़कंप मच गया है।