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यूजी में सबके लिए लॉ, मनु भी पढ़ने को मिलेंगे

कानून की पढ़ाई सिर्फ वकील बनने के लिए नहीं रहेगी। छात्र-छात्राएं देश के संविधान और कानून को अच्छे से समझते हुए उनका पालन करें, इसके लिए स्नातक स्तर...

यूजी में सबके लिए लॉ, मनु भी पढ़ने को मिलेंगे
हिन्दुस्तान टीम,मेरठFri, 04 Jun 2021 03:22 AM
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कानून की पढ़ाई सिर्फ वकील बनने के लिए नहीं रहेगी। छात्र-छात्राएं देश के संविधान और कानून को अच्छे से समझते हुए उनका पालन करें, इसके लिए स्नातक स्तर पर छात्र इसी सत्र से लॉ पढ़ सकेंगे। मनु स्मृति जैसा ग्रंथ लिखने वाले मनु से लेकर विवेकानंद और महात्मा गांधी को कानून के नजरिये से पढ़ाया जाएगा। स्नातक में सभी स्ट्रीम के छात्र लॉ पढ़ सकेंगे। स्नातक में चार माइनर पेपर रखे गए हैं।

प्रोवीसी प्रो.वाई विमला, डीन लॉ और कन्वीनर डॉ.अंजलि मित्तल, डॉ.आईएम खान, डॉ.केके गुप्ता,वैशाली गुप्ता और प्रो.एसएस जायसवाल सहित 11 सदस्यीय बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) में उक्त निर्णय हुआ। अभी तक लॉ की पढ़ाई इंटर एवं ग्रेजुएशन के बाद होती है, लेकिन उन प्रोफेशनल के लिए है जो लॉ में अपना कॅरियर बनाते हैं। गुरुवार को स्नातक स्तर पर साइंस, कॉमर्स एवं मानविकी सहित सभी स्ट्रीम के स्टूडेंट के लिए लॉ पढ़ने को रास्ता खुल गया। डॉ.अंजलि मित्तल के अनुसार छात्रों को स्नातक में लॉ के विभिन्न पक्षों को पढ़ाया जाएगा ताकि वे कानून और अधिकारों की मूलभूत जानकारी पा सकें।

सड़क सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण कोर्स में

मेरठ। डॉ. अंजलि मित्तल के अनुसार स्नातक लॉ में इंट्रोडक्शन टू इंडियन जूरिस्ट, एन इंट्रोडक्शन टू कॉन्सीट्यूशन ऑफ इंडिया, रोड सेफ्टी रूल्स, प्रैक्टिसीज एवं पॉजिसीज और राइट टू इंफोर्मेशन एक्ट एंड कंज्यूमर प्रॉटकश्न लॉ चार माइनर पेपर रहेंगे। कानून के चिंतकों को महात्मा गांधी, विवेकानंद, डॉ.बीआर अंबेडकर, मनु, याज्ञवल्य और बृहस्पति को जोड़ा गया है। माना जाता है कि मनु स्मृति पहली ऐसी पुस्तक है जो सामाजिक नियमों को ब्योरा पेश करती है। स्नातक लॉ में मनु को केवल कानून की दृष्टि से समझाया जाएगा कि समाज में किस तरह से नियम और कानून अस्तित्व में आते गए। याज्ञवल्य और बृहस्पति भी इसी क्रम में शामिल किए गए हैं ताकि छात्रों को पुरातन से अद्यतन कानून का विकास क्रम समझ में आए।

कोर्स में संविधान भी शामिल

मेरठ। स्नातक में संविधान को भी पढ़ाया जाएगा। इसमें छात्र-छात्राएं संविधान को विस्तार से पढ़ाया जाएगा। छात्रों को जस्टिस कृष्णा अय्यर, पीएन भगवती और दिल्ली विवि के कुलपति एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून के क्षेत्र में जाने-माने डॉ.उपेंद्र बख्शी को भी शामिल किया गया है।

विश्वविद्यालय में सब बजा सकेंगे संगीत की धुन

मेरठ। अभी तक स्नातक में मानविकी में शामिल संगीत अब साइंस और कॉमर्स सहित सभी स्ट्रीम के स्टूडेंट के लिए भी खुल गया है। यानी स्नातक में किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट अब संगीत की धुन बजा सकेगा। कोर्स में छात्र-छात्राओं को सुरों का आधारभूत ज्ञान कराया जाएगा। कन्वीनर प्रथम प्रो. एनसी लोहनी, कन्वीनगर द्वितीय डॉ.वदंना अग्रवाल, डॉ.सपना चौधरी,, डॉ.किरण शर्मा, डॉ.राम शंकर, डॉ.नीलू शर्मा, डॉ.पूनम मित्तल और डॉ.साहित्य कुमार नाहर की मौजूदगी में हुई बीओएस में होली, भजन, गीत, कव्वाली और धुन को कोर्स का हिस्सा बनाया गया है। लोकसंगीत को भी कोर्स में जगह दी गई है।

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