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प्रदेश में आधे से अधिक छात्रों नहीं भर सके छात्रवृत्‍ति फॉर्म

प्रदेशभर के हाईस्‍कूल-इंटर से लेकर डिग्री कॉलेजों तक आधे से अधिक स्‍टूडेंट अपने स्‍कॉलरशिप फॉर्म नहीं भर सके हैं। पोर्टल पर पंजीकृत स्‍टूडेंट के आवेदन नहीं होने से कॉलेजों पर संकट मंडराने लगा है।...

प्रदेश में आधे से अधिक छात्रों नहीं भर सके छात्रवृत्‍ति फॉर्म
हिन्दुस्तान टीम,मेरठTue, 15 Oct 2019 01:57 AM
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प्रदेशभर के हाईस्कूल-इंटर से लेकर डिग्री कॉलेजों तक आधे से अधिक स्टूडेंट अपने स्कॉलरशिप फॉर्म नहीं भर सके हैं। पोर्टल पर पंजीकृत स्टूडेंट के आवेदन नहीं होने से कॉलेजों पर संकट मंडराने लगा है। स्कॉलरशिप-फीस प्रतिपूर्ति नहीं मिलने पर छात्र कॉलेजों में फीस नहीं दे सकेंगे। सर्वाधिक स्टूडेंट उच्च शिक्षा से हैं जो निर्धारित तिथि तक स्कॉलरशिप के आवेदन नहीं कर पाए। कॉलेज और स्टूडेंट दोनों ने ही शासन से आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है। फिलहाल स्टूडेंट फॉर्म भरने के लिए शासन के फैसले पर टकटकी लगाए बैठै हैं।

प्रदेश में एससी-एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक एवं सामान्य वर्ग में छात्रों को स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति के लिए दस अक्तूबर तक आवेदन करने थे, लेकिन वेबसाइट नहीं चलने से लाखों स्टूडेंट आवेदन नहीं कर सके। छात्रों के अनुसार अंतिम तिथि से कई दिन पहले ही वेबसाइट ने काम करना बंद कर दिया। छात्रों के आवेदन नहीं हुए। कॉलेजों ने भी अपने स्तर से फॉर्म भरने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी। लाखों फॉर्म नहीं भरने का सीधा असर कॉलजों पर पड़ेगा। अधिकांश छात्रों ने छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति के आधार पर प्रवेश लिए हुए हैं। ऐसे में यदि प्रतिपूर्ति और स्कॉलरशिप नहीं मिलती तो ना केवल स्टूडेंट अपनी पढ़ाई बंद करने को मजबूर होंगे बल्कि कॉलेजों पर भी ताले लगने की आशंका गहरा जाएगी।

प्रदेश में लाखों स्टूडेंट को है तिथि बढ़ने का इंतजार

मेरठ। छात्रवृत्ति पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार पूरे प्रदेश में लाखों स्टूडेंट को आवेदन की तिथि बढ़ने का इंतजार है। 11-12 वीं को छोड़ अन्य कक्षाओं के लिए जारी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में 12 लाख 75 हजार 678, 11-12 वीं में पोस्ट मैट्रिक क्लासेज में सात लाख 15 हजार 951 और कक्षा नौ एवं दसवीं के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप एवं फीस प्रतिपूर्ति में 82 लाख 26 हजार 350 छात्र-छात्राओं के आवेदन नहीं हुए हैं। पोर्टल के हिसाब से 11-12 वीं के अतिरिक्त पोस्ट मैट्रिक कक्षाओं में 57 फीसदी, 11-12 वीं में 34 फीसदी और प्री-मैट्रिक में 35 फीसदी स्टूडेंट अभी तक अपने फॉर्म भरने से वंचित हैं। वहीं, आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं के फॉर्म भी कॉलेज भी समाज कल्याण को अग्रसारित नहीं कर पाए हैं।

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