संपूर्ण जगत को रोशन कर सकता है ज्ञान : भाव भूषण
कैलाश पर्वत मंदिर के मुख्य जिनालय में चल रहे भक्तामर विधान एवं पाठ में रविवार को सर्वप्रथम मंगलाष्टक सकलीकरण के पश्चात भगवान आदिनाथ का अभिषेक किया गया। 101 परिवार विधान में शामिल...
कैलाश पर्वत मंदिर के मुख्य जिनालय में चल रहे भक्तामर विधान एवं पाठ में रविवार को सर्वप्रथम मंगलाष्टक सकलीकरण के पश्चात भगवान आदिनाथ का अभिषेक किया गया। 101 परिवार विधान में शामिल हुए।
मुनि श्री भाव भूषण महाराज ने कहा कि सूर्य प्रतिदिन उदय और अस्त हो जाता है। परंतु आपका ज्ञान सदा ही आलोकित रहता है। सूर्य को तो ग्रहण भी लग जाता है और बादलों में भी छिप जाता है। सूर्य का प्रकाश सीमित क्षेत्र को ही प्रकाशित कर सकता है, कन्तिु आपका केवल ज्ञान रूपी सूर्य तो संपूर्ण जगत को एक साथ बिना किसी बाधा के प्रकाशित करता है। सौधर्म इंद्र विनोद जैन बने। भगवान आदिनाथ का स्वर्ण कलश से अतिशय जैन एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य वीरेंद्र जैन को प्राप्त हुआ। मंगल दीप का अलका जैन ने प्रज्वलित किया। सांयकाल में भगवान आदिनाथ की मंगल आरती की गई। आरती के पश्चात गुरुकुल के छात्रों द्वारा भजन एवं भक्तामर महिमा नामक एक लघु नाटिका प्रस्तुत किया। विधान संयोजक मोती लाल जैन रहे। इस मौके पर महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, महाप्रबंधक मुकेश जैन, मनोज जैन, राजीव, सुभाष, विपिन, प्रेम जैन आदि का विशेष सहयोग रहा।