अपहरण और अवैध हिरासत मामले ने तूल पकड़ा, एसओजी प्रभारी पर गिरी गाज
टीपीनगर से ससुर-दामाद के अपहरण और अवैध हिरासत में रखने को लेकर विवाद एसओजी प्रभारी पर भारी पड़ गया। रविवार को एसओजी प्रभारी को पद से हटा दिया गया...

टीपीनगर से ससुर-दामाद के अपहरण और अवैध हिरासत में रखने को लेकर विवाद एसओजी प्रभारी पर भारी पड़ गया। रविवार को एसओजी प्रभारी को पद से हटा दिया गया है। जिस टीम ने टीपीनगर में दबिश दी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
टीपीनगर क्षेत्र के शिवपुरम निवासी किराना व्यापारी रमेश और उनके दामाद सूरज को 16 जुलाई को एसओजी टीम उठा ले गई थी। रमेश की पत्नी और परिवार के लोगों से मारपीट की गई। रमेश की पत्नी घायल हो गई। अपहरण का मुकदमा टीपीनगर थाने में रमेश पक्ष की ओर से दर्ज कराया गया। 18 जुलाई को फलावदा थाने में ससुर दामाद की चाकू के साथ गिरफ्तारी दिखा दी। मामले में पीड़ित परिवार की ओर से अधिकारियों से शिकायत की गई। बाद में खुलासा हुआ कि अनजाने में मुकदमा दर्ज कराया है और मामला एसओजी से जुड़ा है। पुलिस ने रमेश और उसके दामाद को बावरिया गैंग से जुड़ा बताया। इस मामले में पुलिस विभाग की अंदरूनी राजनीति भी सामने आ गई। इसके चलते एसओजी प्रभारी अखिलेश कुमार को रविवार रात पद से हटा दिया गया। उनकी जगह लिसाड़ी गेट थाने के दरोगा रामफल को एसओजी का प्रभारी बनाया है। जिस टीम में रमेश के घर दबिश दी और बवाल किया उनमें से किसी के खिलाफ भी फिलहाल कार्रवाई नहीं की गई है।