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काली नदी : फिर से शुरू हुआ खुदाई-सफाई का काम

काली नदी पूर्वी को उद्गम स्थल से पुनर्जीवित करने की चल रही कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है। कोरोना काल में हालांकि कार्य प्रभावित हो गया था। अब नदी...

काली नदी : फिर से शुरू हुआ खुदाई-सफाई का काम
हिन्दुस्तान टीम,मेरठTue, 03 Nov 2020 06:07 PM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

काली नदी पूर्वी को उद्गम स्थल से पुनर्जीवित करने की चल रही कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है। कोरोना काल में हालांकि कार्य प्रभावित हो गया था। अब नदी को लेकर ग्रामीण खुश नजर आने लगे हैं। उनका कहना है कि नदी को लेकर सकारात्मक संकेत दिखने लगे हैं। यह बरसाती नदी है जो गंगा की प्रमुख सहायक नदी भी है। नदी उद्गम का तालाब स्वतः ही जल से भरने लगा है।

इस कार्य को नदी उद्गम स्थल अंतवाड़ा गांव से फिर से प्रारंभ किया गया है। प्रथम चरण में मुजफ्फरनगर जनपद की 22 किलोमीटर नदी को लिया गया है। कार्य तेजी से चल रहा है। उद्गम स्थल पर नए तालाब बनाए जा रहे हैं। नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन त्यागी ने जानकारी दी कि नदी उद्गम का तालाब स्वतः ही जल से भरने लगा है। अन्य तालाबों में भी पानी आने लगा है। आने वाले दो से तीन माह में यह नदी देश की तमाम छोटी नदियों के लिए प्रेरणा बनेगी।

यह नदी मुजफ्फरनगर जनपद के अंतवाड़ा से शुरू होकर मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फरुर्खाबाद से होते हुए अंत में कन्नौज में जाकर गंगा नदी में मिलती है। यह करीब 600 किलोमीटर लंबी नदी है। मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार के प्रयास से सहारनपुर के मंडलायुक्त संजय कुमार के निर्देशन में मुजफ्फरनगर प्रशासन की ओर से मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव, नीर फाउंडेशन के सहयोग से नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य हो रहा है।

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