बंगाल के मांडला में चल रहा इंस्पेक्टर का गुम मोबाइल
बंगाल में मिली गुम हुए फोन की लोकेशन - बेगमपुल से गुम हुआ था बंगाल में मिली गुम हुए फोन की लोकेशन - बेगमपुल से गुम हुआ...

मेरठ। कार्यालय संवाददाता
बेगमपुल पर सदर इंस्पेक्टर के गुम हुए मोबाइल की लोकेशन पश्चिम बंगाल के मांडला में मिल रही है। अपने ही इंस्पेक्टर के मोबाइल को बरामद कर पाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। मोबाइल इस्तेमाल करने वाले की भाषा अलग होने से कम्युनिकेशन में दिक्कत और उस तक पहुंचने में मोबाइल की कीमत से ज्यादा खर्च होना तय है।
ऐसा पुलिस इंस्पेक्टर के साथ ही नहीं हुआ बल्कि मेरठ में रोजाना 10 से 12 लोगों के साथ होता है। लगभग रोजाना ही मोबाइल लूट की शिकायत होती है लेकिन बरामदगी नहीं। हिन्दुस्तान ने पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। यहां लूटे गए मोबाइल गैर हिंदी भाषी राज्यों में सेकेंड हैंड बताकर बेच दिए जाते हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले एक पुलिसकर्मी के साले का भी मोबाइल छीन लिया गया था। जिसकी आईएमइआई नंबर को पूरे भारत में रन कराया गया। उक्त मोबाइल में इस्तेमाल किए गए नंबर पर कॉल की गई तो वह व्यक्ति हिंदी और अंग्रेजी न समझ सकता था न बोल सकता था। जिस वजह से पुलिस माथापच्ची करके ही रह गई। अमूमन पश्चिमी यूपी या आसपास के राज्यों तक ही आईएमईआई नंबर रन कराया जाता है। जिसके चलते कोई जानकारी नहीं हाथ लगती।
खर्च के चलते बरामदगी मुश्किल
किसी दूसरे प्रदेश में यहां से लूटे गए मोबाइल की लोकेशन मिलने पर भी बरामदगी करना बेहद मुश्किल काम है। इतनी मोबाइल की कीमत भी नहीं होती जितना खर्च पुलिस के वहां जाने आने और बरामदगी में हो जाना तय है। इसके अलावा भाषा का एक समान नहीं होना भी अवरोध पैदा करता है।
हैदराबाद तक सप्लाई हो रहे मेरठ से मोबाइल
दो दिन पहले थाना टीपी नगर पुलिस ने नकली पिस्टल दिखाकर लूट करने वाले दो आरोपियों को दबोचा था। इनके पास से लूटे गए पांच मोबाइल बरामद हुए। टीपीनगर इंस्पेक्टर रघुराज सिंह के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि उनकी तीन टीमें शहर में मोबाइल छीनती हैं। औसतन एक दिन में 15 से 17 मोबाइल छीन लिए जाते हैं। इन मोबाइल को हैदराबाद भेज दिया जाता है।
...............
बेगमपुल पर मेरा मोबाइल गुम हो गया था। जिसकी आईएमईआई को रन कराने पर बंगाल के मांडला में मोबाइल चलता हुआ पाया गया है। मेरठ से बंगाल तक मोबाइल कैसे पहुंचा। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।.
- बृजेश कुशवाह, इंस्पेक्टर सदर
