इंडोनेशिया के जमातियों को दो मंत्रालयों की एनओसी का इंतजार
इंडोनेशिया के नौ जमातियों को अपने वतन लौटने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की एनओसी का इंतजार है। मंत्रालय इस बात का क्लीयरेंस देगा कि इन जमातियों पर अब भारत में कोई मुकदमा नहीं है। इस तरह की...
इंडोनेशिया के नौ जमातियों को अपने वतन लौटने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की एनओसी का इंतजार है। मंत्रालय इस बात का क्लीयरेंस देगा कि इन जमातियों पर अब भारत में कोई मुकदमा नहीं है। इस तरह की कानूनी लड़ाइयों के लिए इंडोनेशिया दूतावास ने दिल्ली में एक अधिवक्ता भी नियुक्त किया है।
मार्च-2020 में इंडोनेशिया के 9 लोग जमात करने के लिए मेरठ के सरधना कस्बे में आए थे। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में कोरोना फैलने के बाद जमातियों पर सरकार ने शिकंजा कसा। 24 अप्रैल को सरधना पुलिस ने इंडोनेशिया के नौ जमातियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सजा पूरी करने और 500 रुपये जुर्माना भरने के बाद ये जमाती 29 जुलाई को जेल से छूट गए हैं। चूंकि, पासपोर्ट पहले ही ब्लैक लिस्ट हो चुका है, इसलिए जमातियों के वतन लौटने में दिक्कत है। इसे देखते हुए मेरठ पुलिस के खुफिया विभाग ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर पूछा है कि अब इनका क्या करा जाए। साथ ही गृह और विदेश मंत्रालय से एनओसी देने के लिए कहा है। दोनों मंत्रालय इस बात की एनओसी देंगे कि इन 9 जमातियों पर अब कोई मुकदमा शेष नहीं बचा है। सूत्रों ने बताया कि जमातियों को उनके वतन वापस भेजने का इंतजाम इंडोनेशिया दूतावास करेगा। फिलहाल 9 जमाती खैरनगर मरकज के सुपुर्द हैं। मरकज से जुड़े हाजी सिराज ने बताया कि हमें भी मंत्रालय की एनओसी का इंतजार है, ताकि 9 जमाती घर लौट सकें।
कई जिलों में घर लौटे जमाती
हापुड़, सहारनपुर और बागपत में भी विदेशी जमाती पकड़े गए थे। सजा पूरी होने के बाद ये रिहा होकर अपने वतन लौट चुके हैं। मेरठ में 20 जमाती पकड़े गए थे। 9 की रिहाई हो चुकी है, 11 अभी बंद हैं।