धूप दशमी पर भगवान को अर्पित की धूप
धूप दशमी के पर्व पर शुक्रवार को भगवान तीर्थंकरों को भक्ति भाव से धूप अर्पित की गई धर्मगुरुओं ने संयम धर्म की व्याख्या करते हुए इसकी महत्व बताइए उन्होंने कहा कि संयम आत्म उत्थान का प्रथम चरण...
धूप दशमी पर्व पर शुक्रवार को भगवान तीर्थंकरों को भक्ति भाव से धूप अर्पित की गई। धर्मगुरुओं ने संयम धर्म की व्याख्या करते हुए इसका महत्व बताया।
श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असौड़ा हाउस में शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा के स्वर्ण कलश द्वारा प्रक्षालन का सौभाग्य रमेश चंद जैन और रजत कलश द्वारा प्रक्षालन का सौभाग्य कमल जैन को मिला। आदिनाथ भगवान की प्रतिमा का प्रक्षालन शुभम एवं प्रतीक ने किया। धूप दशमी के उपलक्ष में सुभाष जैन ने बताया कि सुगंध दशमी के दिन शहरों के समस्त जैन मंदिरों में जाकर 24 तीर्थंकरों को धूप अर्पित कर मंगल कामना करते हैं। सुधा जैन ने स्वाध्याय के समय बताया कि संयम आत्म उत्थान का प्रथम चरण है। संयम विकल्पों के अभाव का नाम है। जीवन में जब संकल्प-शक्ति बलवती होती है, तभी विकल्प मिटते हैं। लोभ, मान, क्रोध, मोह के त्याग तथा सत्य की प्राप्ति के बाद सत्य की सुरक्षा भी अपरिहार्य है। सत्य को पाना ही पर्याप्त नहीं है उसकी सुरक्षा भी आवश्यक है और सत्य की सुरक्षा संयम के बिना हो नहीं सकती। शाम को मंगलज्योति एवं आरती मुकेश जैन प्रियंका जैन परिवार एवं शोभा जैन ने की। इसी के पश्चात तानिया जैन, सोनिया जैन ने दशलक्षण धर्म पर आधारित पहली बार धार्मिक तंबोला व्हाट्सएप एवं जूम एप द्वारा ऑनलाइन कराया गया। इसमें लगभग 175 भक्तों ने भाग लिया। सार्थक, कमलेश, संयम, विनीता, सीमा, रोहित, पूजा, कपिल, बबीता, नेहा, दीपा आदि विजेता रहे। सोनिया जैन ने चरित्र धरले एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के विजेता घोषित किए जिसमें मेघना, नमन, सारिका, पारुल साधना, अर्चना, बबिता आदि को विजेता घोषित किया।