ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश मेरठनिष्पक्षता से नहीं हुआ इतिहास का लेखन

निष्पक्षता से नहीं हुआ इतिहास का लेखन

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के राजनीति विज्ञान विभाग व पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वाधान में 15 दिवसीय ई-कार्यशाला कोविड-19 के साथ जीवन : स्वावलंबी भारत की रूपरेखा विषय पर ई-कार्यशाला...

निष्पक्षता से नहीं हुआ इतिहास का लेखन
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 08 Jun 2020 12:50 AM
ऐप पर पढ़ें

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के राजनीति विज्ञान विभाग व पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वाधान में 15 दिवसीय ई-कार्यशाला कोविड-19 के साथ जीवन : स्वावलंबी भारत की रूपरेखा विषय पर ई-कार्यशाला के 14वें दिन डॉ. राजेंद्र कुमार पांडेय सहचार्य राजनीति विज्ञान विभाग ने अतिथियों का स्वागत किया।

प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग एवं निदेशक पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने कहा कि भारतीय इतिहास का जो लेखन किया गया वह उपनिवेशी वृत्तांतों के आधार पर किया गया है। द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर रत्नम सदस्य सचिव भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने स्वाबलंबी समाज के ऐतिहासिक आयाम विषय पर कहा कि भारत का इतिहास एवं परंपरा गौरवशाली है। अंग्रेजों के आने के बाद और स्वतंत्रता के बाद जिन लोगों के हाथों में सत्ता आई उन्होंने इतिहास लेखन निष्पक्ष होकर नहीं किया। या कह सकते हैं कि अंग्रेजों ने इतिहास लेखन अपने अनुसार किया। ई-कार्यशाला के आयोजक प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार जताया। मंच संचालन भानु प्रताप ने किया। ई-कार्यशाला में सहयोग डॉ राजेंद्र कुमार पांडेय, डॉक्टर भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉ सुषमा, डॉ देवेंद्र उज्जवल, संतोष त्यागी, नितिन त्यागी आदि ने किया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें