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आंधी-बारिश से फलों की बागवानी को भारी नुकसान

किसान और बागवानी पर रविवार का दिन कहर बनकर टूट पड़ा। दोपहर में मौसम ने अचानक करवट बदली और आंधी के साथ हुई बारिश ने खेत में कटी हुई गेहूं की फसल को भीगो दिया। भूसे को हवा उड़ा ले गई। इसके अलावा आम,...

आंधी-बारिश से फलों की बागवानी को भारी नुकसान
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 11 May 2020 01:51 AM
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किसान और बागवानी पर रविवार का दिन कहर बनकर टूट पड़ा। दोपहर में मौसम ने अचानक करवट बदली और आंधी के साथ हुई बारिश ने खेत में कटी हुई गेहूं की फसल को भीगो दिया। भूसे को हवा उड़ा ले गई। इसके अलावा आम, लीची, बेलपत्थर की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा। और बागवानी को भारी नुकसान पहुंचा दिया। पेड़ टूटने से विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई। जिससे विद्युत आपूर्ति ठप रही।

रविवार को मौसम का मिजाज बदल गया। आंधी के साथ आए काले बादलों ने दिन में ही रात का अहसास कराया, बल्कि झमाझम बरसात ने खेतों में कटे पड़े गेहूं, भूसे को भीगो दिया। वहीं आंधी ने बागवानों को चौपट कर दिया। तेज आंधी से बागों में आम की कैरी, लीची, कच्ची बेलपत्थर, कटहल, आड़ू, नाशपाती, लोकाट, आलू बुखारा आदि को भारी नुकसान हुआ है। बागवान चंद्रपाल का कहना है कि इस बार फसल तो अच्छी आई थी। काफी देख-रेख की, लेकिन सप्ताह भर में आई दो आंधी ने काफी नुकसान पहुंचा दिया है। तेजपाल का कहना है कि वह दशकों से बागवानी करता है। इस बार पैसा नहीं था, लेकिन फसल अच्छी देख उसने ब्याज पर रकम लेकर बाग खरीद लिए। आंधी से काफी कैरी कच्चा आम गिर गया। जिससे भारी नुकसान है। बागवान पप्पू का कहना है कि मौसम के बदले मिजाज ने बागवानी को नुकसान देना शुरुकर दिया है। कहा कि अभी तो शुरुआत है फसल पकने ने वक्त है। उधर, आंधी में टूटकर गिरे लिप्टस, पोपलर आदि पेड़ों से विद्युत लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। जिससे विद्युत आूपर्ति पूरी तरह ठप है।धूलभरी आंधी से दिन में छाया अंधेरालावड़। रविवार की सुबह उस समय देखने को मिला जब चिलचिलाती धूप तेज आंधी के साथ उड़ी धूल के आगोश में समा गई। मानो जैसे रात हो गई हो। कस्बे के बाजार में लॉकडाउन के उल्लंघन में जुटी भीड़ भी गायब हो गई। दुकानों के शटर बंद हो गए। कस्बा निवासी यामीन, बाबर, यासीन आदि ने बताया कि आंधी से टूटे आम के बागों में ढेर लग गए। आंधी से भारी नुकसान हुआ है। सब्जी किसानों रमेश, सुंदर,राकेश, ओमप्रकाश आदि ने बताया की किसानों की खेत पर बांस और तार के जाल बनाकर उगाई गई तोरई, लौकी, खीरा, करेले आदि की फसल बर्बाद हो गई। गेहूं किसानों को आंधी और बारिश से भारी नुकसान हो गया। खेत में पड़ा किसानों का भूस उड़ा दिया।आंधी के साथ आई वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्तबहसूमा। रविवार दोपहर आंधी के साथ आई वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आम के बाग उजाड़ दिए, वहीं किसानों की खेती और कार्य भी पूरी तरह बंद कर दिया। खेतों पर गन्ने की बुवाई एवं गन्ने की छिलाई का कार्य बंद होने से किसान काफी परेशान है। बारिश में गिरी मकान की दीवारपरीक्षितगढ़। रविवार को मौसम में आए बदलने से प्राचीन वृक्ष और एक मकान की दीवार धराशाही हो गई। गनमीत रही हादसा होने से बच गया। तथा किसानों के चेहरे पर उदासी छायी हुई है। रविवार दोपहर अचानक हुई जोरदार आंधी, बारिश से किसानों की गेहूं, गन्ना, आम की फसल के साथ अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं नगर में रजवाहे के किनारे स्थित प्राचीन मार्कण्डय आश्रम पर खड़ा सैकड़ों वर्ष पुराना प्राचीन पीपल का वृक्ष और नगर के सियाना जोहड़ मोहल्ला निवासी मो. युसूफ के मकान की दीवार गिर गई। किसानों को नुकसारहस्तिनापुर 1 : हस्तिनापुर में आंधी के दौरान दिन में छाया अंधेरा। हस्तिनापुर 2 : दिन में जली सोलर लाइट। हस्तिनापुर। रविवार को आंधी व तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने किसानों की गेहूं की फसल को बर्बाद करके रख दिया है। अधिकांश किसानों ने गेहूं की फसल काट ली। परंतु कुछ किसानों की फसल खेत पर ही कटी हुई पड़ी थी। जिसमें बारिश से भारी नुकसान पहुंचाया है। तेज हुई बारिश से गेहूं की कटी फसल में पानी भर गया है। जिससे गेहूं का दाना गलने की संभावना है। वहीं गेहूं की खड़ी फसल भी तेज हवाओं के कारण नीचे गिर गई है। जिससे गेहूं का दाना कमजोर हो जाएगा और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. ओमवीर सिंह का कहना है कि इक्का दुक्का जिन किसानों की गेहूं की फसल थ्रेसिंग से बची हुई है। उसे सूखे स्थानों पर रख लें। गेहूं की भीगी फसल में दाना काला पड़ने की संभावना है और भूसा पीला पड़ सकता है।

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