गुरू अमरदास के प्रकाश पर्व की खुशी में शबद-कीर्तन से संगत हुई निहाल
‘भले अमरदास गुण तेरे, तेरी उपमा तोहि बणि आवे... पंक्ति के गायन के बीच तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास के प्रकाश पर्व की खुशी में तीसरे एवं अंतिम दिन निष्काम सेवा जत्थे द्वारा मधुर शबद गायन...
‘भले अमरदास गुण तेरे, तेरी उपमा तोहि बणि आवे... पंक्ति के गायन के बीच तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास के प्रकाश पर्व की खुशी में तीसरे एवं अंतिम दिन निष्काम सेवा जत्थे द्वारा मधुर शबद गायन हुआ।
श्री गुरु सिंह सभा थापरनगर में विशेष कीर्तन कार्यक्रम हुआ। सभा के हजूरी रागी गुरमीत सिंह परदेसी सहित विशेष रूप में पधारे श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी बलिवंद्र सिंह ने मधुर शबदों से संगत को निहाल किया। उन्होंने ‘नीचे ऊंच को मेरा गोविंद काहू ते न डरै..., हओ रहि न सकां बिन देखे प्रीतम, मैं नीर बहे बहि चलै जीओ ..., कबीर न हम की आ न करेंगे, न कर सके शरीर .... आदि मधुर शबदों का भक्तिभाव से गायन किया। इस अवसर पर सभा उपाध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह जस्सल ने कहा कि गुरु अमरदास ने ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटा ‘सब मानव एक समान को बढ़ावा दिया तथा स्त्री से संबंधित बुराइयों वाली प्रथाओं को समाप्त किया।
जस्सल ने बताया कि गर्मी की छुटि्टयों में 22 मई से पंजाबी यानि गुरुमुखी की कक्षाएं श्री गुरु सिंह सभा थापरनगर में 28 जून तक लगेंगी। उन्होंने बताया कि 29 व 30 जून को गुरुमत शिविर लगेगा। निष्काम सेवक जत्थे के प्रमुख सरदार सुरिंदर सिंह भाटिया ने विशेष रूप से बताया कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व की खुशी में कर्नाटक के गुरु नानक झीरा साहिब से 2 जून को यात्रा शुरू होकर 5 जुलाई को मेरठ आएगी। सभा अध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह नंदा, हरप्रीत सिंह, जसवीर सिंह खालसा, अमरजीत सिंह एडवोकेट, दविंद्र सिंह नंदा, मंजीत सिंह आदि रहे।