हस्तिनापुर। संवाददाता
रविवार अलसुबह वन विभाग की टीम को एक बड़ी कामयाबी मिली। बेशकीमती खैर की लकड़ी से भरी गाड़ी को पकड़ लिया। चालक को हिरासत में ले लिया, जबकि लकड़ी माफिया मौके से भागने में कामयाब रहे।
रविवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे वन विभाग की टीम गश्त कर रही थी। तभी दूधली वन ब्लॉक में उन्हें एक कैंटर दिखाई दिया। वनकर्मियों ने जांच की तो गाड़ी में खैर की बेशकीमती लकड़ी भरी हुई थी। वनकर्मी गाड़ी को ड्राइवर समेत रेंज कार्यालय ले आए जबकि अन्य लकड़ी माफिया अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गए। उनकी तलाश की पर कुछ पता नहीं चला। रेंजर नवरतन सिंह ने बताया कि उक्त लकड़ी दूधली वन ब्लॉक से काटे गए नौ पेड़ों की है। पूछताछ में चालक ने अपना नाम रमेश पुत्र आत्माराम निवासी गठीना अहमदपुर जिला बागपत बताया। पहले तो वह वनकर्मियों को बरगलाता रहा। पूछताछ के बाद उसने सारा राज खोल दिया और बताया कि इससे पूर्व भी उन्होंने गढ़ रेंज से खैर की लकड़ी काटी थी तथा कुछ दिन पूर्व अमरगढ़ के जंगल में भी पेड़ काटने का प्रयास किया था परंतु वनकर्मियों की गाड़ी देखकर मौके से फरार हो गए थे। चालक से पूछताछ करने के लिए गढ़ रेंज के रेंजर मोहन सिंह भी हस्तिनापुर पहुंचे। रेंजर नवरतन सिंह ने बताया कि पकड़ी गई खैर की लकड़ियों की कीमत लगभग चार लाख रुपये होगी। टीम में डिप्टी रेंजर हरनारायण सिंह, विनोद कुमार, संसार सिंह, ओमप्रकाश, संजय सिंह आदि रहे।
फोटो परिचय
हस्तिनापुर 4 : हस्तिनापुर रेंज कार्यालय में पकड़ी गई खैर की लकड़ी व चालक के साथ वन विभाग के अधिकारी।