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सर सैयद के बताए रास्ते पर चलें, यही सच्ची श्रद्धांजलि

शिक्षक की कोई जात-बिरादरी या मजहब नहीं होता। शिक्षा से समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा सकता है। सर सैयद अहमद खां को सच्ची श्रद्धांजलि यही...

सर सैयद के बताए रास्ते पर चलें, यही सच्ची श्रद्धांजलि
हिन्दुस्तान टीम,मेरठThu, 21 Oct 2021 11:50 PM
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शिक्षक की कोई जात-बिरादरी या मजहब नहीं होता। शिक्षा से समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा सकता है। सर सैयद अहमद खां को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके बताए मार्ग पर चलें और उनके मिशन यानी शिक्षा को खूब फैलाएं।

सीसीएसयू के उर्दू विभाग, सर सैयद एजुकेशनल सोसाएटी और अंतर्राष्ट्रीय नौजवान उर्दू स्कॉलर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में हुए दो दिवसीय सेमिनार के समापन में यह बात प्रोवीसी प्रो.वाई विमला ने कही। आखिरी दिन अदब और समाज के फरोग में सर सैयद का किरदार विषय पर गोष्ठी हुई। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अवार्ड की घोषणा हुई। रेखता फाउंडेशन दिल्ली को उर्दू साहित्य में विकास के लिए सर सैयद अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड, जदीद फाउंडेशन ट्रस्ट दिल्ली को शिक्षा में योगदान हेतु सर सैयद राष्ट्रीय अवार्ड एवं डॉ.मेराजुद्दीन अहमद को समाजिक सेवाओं के लिए सर सैयद राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डीन आर्ट्स प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि सर सैयद ने जो सपना देखा था, वह अभी तक पूर्ण नहीं हो सका है। हमें और अधिक मेहनत करना होगी और शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाना होगा, तभी सर सैयद का ख्वाब पूरा होगा। प्रो. बिन्दु शर्मा, डॉ. हाशिम रजा जैदी, ताबिश फरीद, सय्यदा मरियम इलाही, फरहा नाज, डॉ. शादाब अलीम, साईम, डॉ. जमाल अहमद सिद्दीकी, डॉ.यूनुस गाजी, डॉ. आमरीन मौजूद रहे।

ये भी हुए पुरस्कृत

कार्यक्रम में लेखन प्रतियोगिता में अफशां खानम प्रथम और इकरा परवीन द्वितीय रहीं। यूजी स्तर पर लेखन प्रतियोगिता में साईम प्रथम, निकुंज कुमार द्वित्तीय, नुजहत तृतीय रहे। अरशद को प्रोत्साहन पुरस्कार मिला। भाषण प्रतियोगिता में लजीना नकवी प्रथम, साईम द्वित्तीय, मूनिसा तृतीय और निकुंज कुमार को सांत्वना पुरस्कार मिला। इलमा मलिक और हुमा सैफी भी क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय रहीं।

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