फर्जीवाड़ा: एक शिक्षक पांच एमएड कॉलेजों का प्रिंसिपल
शिक्षक एक और प्रिंसिपल पांच कॉलेजों का। पांचों कॉलेजों में एक ही समय ना केवल शिक्षकों को मैनेज कर रहे हैं बल्कि विवि के काम भी देख रहे हैं। मात्र...
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता
शिक्षक एक और प्रिंसिपल पांच कॉलेजों का। पांचों कॉलेजों में एक ही समय ना केवल शिक्षकों को मैनेज कर रहे हैं बल्कि विवि के काम भी देख रहे हैं। मात्र प्रिंसिपल ही नहीं बल्कि शिक्षक खुद एक साथ एक ही समय पर पांच-पांच कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। वह भी एक शहर में नहीं बल्कि अलग-अलग शहर में।
एक ही समय में अलग-अलग कॉलेज में प्रिंसिपल और शिक्षक बनकर काम करने का यह कारनामा चौ.चरण सिंह विवि के एमएड कॉलेजों का है। हाल में हुई एमएड काउंसिलिंग से ठीक पहले विवि द्वारा किए शिक्षकों के भौतिक सत्यापन में यह खेल पकड़ा गया। विवि प्रशासन के अनुसार 17 कॉलेजों में इस तरह मानकों के अनुसार शिक्षक और प्रिंसिपल नहीं मिले। इन सभी को को विवि ने काउंसिलिंग से बाहर करते हुए केवल 22 कॉलेजों में ही छात्र आवंटित किए हैं। विवि प्रशासन के अनुसार एक-एक शिक्षक के कई कॉलेजों में नौकरी करने के 20 से अधिक मामले पकड़े गए हैं। कई कॉलेजों में एक ही प्रिंसिपल मिला। विवि ने ऐसे सभी एमएड कॉलेजों का बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विवि प्रशासन के अनुसार यदि और सख्ती से जांच हो तो काउंसिलिंग में शामिल 22 कॉलेजों में से अभी कई और भी बाहर हो सकते हैं।