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बीएड प्रैक्‍टिकल में निजी कॉलेजों के शिक्षकों का रास्‍ता साफ

चौ.चरण सिंह विश्‍वविद्यालय संबद्ध निजी बीएड कॉलेजों के शिक्षकों के प्रैक्‍टिकल में परीक्षक बनने का रास्‍ता साफ हो गया है। विवि जल्द ही कॉलेजों में दस वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षकों को आंतरिक परीक्षक...

बीएड प्रैक्‍टिकल में निजी कॉलेजों के शिक्षकों का रास्‍ता साफ
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 22 Sep 2019 02:26 AM
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चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय संबद्ध निजी बीएड कॉलेजों के शिक्षकों के प्रैक्टिकल में परीक्षक बनने का रास्ता साफ हो गया है। विवि जल्द ही कॉलेजों में दस वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षकों को आंतरिक परीक्षक बनाते हुए प्रैक्टिकल में भेजेगा। इन शिक्षकों से संबंधित कॉलेजों में पढ़ाने का शपथ पत्र लिया जाएगा। भविष्य में सभी फेकल्टी में परीक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सीसीएसयू पड़ोसी राज्यों के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों का बैंक बनाएगा। इस बैंक में शामिल शिक्षकों को मूल्यांकन एवं प्रैक्टिकल में परीक्षक बनाया जाएगा।

कुलपति प्रो.एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई परीक्षा समिति की बैठक में उक्त फैसला हुआ। विवि के अनुसार बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) में दर्ज आपत्तियों का निस्तारण करते हुए सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के तीन सौ शिक्षक बीएड प्रैक्टिकल में परीक्षक बनाए जाएंगे। ये सभी शिक्षक कॉलेजों में दस वर्षों से पढ़ा रहे हैं। इन शिक्षकों प्रैक्टिकल में आंतरिक परीक्षक बनाया जाएगा। हालांकि सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षक बनाने की प्रक्रिया पर विवि जल्द ही स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा। विवि ने विधि विभाग के शिक्षकों को भी परीक्षक बनाने को हरी झंडी दे दी है। समिति ने एमडी यूनानी एवं एमडी आयुर्वेद का रिजल्ट संशोधित कर जारी करने का फैसला किया है। बैठक में प्रोवीसी प्रो.वाई विमला, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.अश्विनी कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो.जितेंद्र कुमार ढाका, डीन लॉ प्रो.राजेश कुमार गर्ग, डीन एजुकेशन प्रो.जगबीर भारद्वाज, डीन इंजीनियरिंग प्रो.जयमाला मौजूद रहीं।

परीक्षकों के लिए बनेगा बैंक

मेरठ। विवि ने सभी फेकल्टी में परीक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश के आसपास के राज्यों से भी अर्ह शिक्षकों का बैंक बनाने की संस्तुति की है। संबंधित विवि के रजिस्ट्रार की एनओसी के बाद इन शिक्षकों के नाम विवि अपने बैंक में दर्ज करेगा। इसके बाद इन शिक्षकों को पूरे वर्ष मूल्यांकन एवं प्रैक्टिकल में जरुरत पड़ने पर प्रयुक्त किया जा सकेगा। परीक्षक बैंक में वही शिक्षक शामिल हो सकेंगे जो अर्ह हैं और योग्यता पूरी करते हैं।

एजुकेशन के टीचर ने जांची बॉयोटेक की कॉपी, डिबार

मेरठ। विवि ने एजुकेशन की योग्यता के बावजूद बॉयोटेक की कॉपियां चेक करने वाले शिक्षक को पांच साल के लिए डिबार कर दिया गया है। समिति ने डॉ.संजीव कुमार को इस अवधि तक विवि के समस्त परीक्षा कार्यों से डिबार करने के आदेश दिए। संजीव कुमार केवल एजुकेशन विषय की कॉपी ही जांच सकते हैं, लेकिन उन्होंने बॉयोटेक की कॉपियां चेक कर डाली। समन्वयक ने शिक्षक की यह गलती पकड़ते हुए दोबारा से कॉपियां चेक करा दी। लेकिन विवि ने इसे बड़ी गलती मानते हुए शिक्षक पर कार्रवाई कर दी।

रुपये मांगने वाले दो परीक्षकों पर भी कार्रवाई

मेरठ। कृष्णा कॉलेज ऑफ लॉ सहारनपुर में पेपर कोड के-4007 के प्रैक्टिकल में परीक्षकों द्वारा रुपये मांगने के आरोप में भी कार्रवाई कर दी है। विवि ने इस कॉलेज में एनएस कम्बोज एवं डॉ.वाईपी सिंह को प्रैक्टिकल के लिए भेजा था। छात्रों ने आरोप लगाया था कि परीक्षकों ने 20-20 हजार रुपये मांगे और ऐसा नहीं करने पर फेल करने की धमकी दी। कॉलेज प्राचार्य ने छात्रों के आरोपों की पुष्टि की। विवि ने इन सभी छात्रों का प्रैक्टिकल फिर से कराने के आदेश दिए। साथ ही दोनों परीक्षकों को डिबार करते हुए जवाब मांगा गया है।

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