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फिर से जी उठा मुक्तिदाता, चहुंओर मनी खुशियां

ईस्टर के मौके पर रविवार को एक बार फिर से मुक्तिदाता जी उठा। शहरभर के चर्चों में शांतिदूत और मानवता के मसीहे का इस्तकबाल हुआ। धर्मगुरुओं ने बाइबिल से संदेश दिया और लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर...

फिर से जी उठा मुक्तिदाता, चहुंओर मनी खुशियां
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 22 Apr 2019 01:42 AM
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ईस्टर के मौके पर रविवार को एक बार फिर से मुक्तिदाता जी उठा। शहरभर के चर्चों में शांतिदूत और मानवता के मसीहे का इस्तकबाल हुआ। धर्मगुरुओं ने बाइबिल से संदेश दिया और लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं दीं। मुक्तिदाता के स्वागत में चारों ओर खुशियों के गीत गाकर उत्सव मनाया गया।

धर्मगुरुओं ने बच्चों के नामकरण कर उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की।रूड़की रोड स्थित सेंट जोजफ चर्च में फादर टाइटस ने यीशु के पुन: जीवित हो उठने की जानकारी दी। उन्होंने बाइबिल से संदेश पढ़ते हुए शांतिदूत के मानवता के लिए किए गए कार्य और प्राणों की दी आहुति देने व तीसरे दिन ईस्टर पर उनके जी उठने पर को भावपूर्ण ढंग से बताया। सिटी मैथोडिस्ट चर्च में सुबह सवेरे मॉर्निंग सर्विस हुई। इसमें ईसाई समाज के फादर रेव्ह. इमानुएल मसीह ने प्रार्थना कराई। आगरा रीजनल कांफ्रेंस के सदस्य ब्रदर ललित स्टीफन ने बताया कि लोगों को उनके पापों से मुक्त करने के लिए प्राणों की आहुति दी। सुबह साकेत स्थित पेट्रोल पंप से कैंडल एवं वाद्य यंत्रों के साथ मधुर भक्ति गीत गाते हुए जुलूस निकाला गया। जुलूस चौ. चरण सिंह विवि, मवाना रोड, कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम होते हुए सिविल लाइंस स्थित सिटी मैथोडिस्ट चर्च पहुंचकर संपन्न हुआ।सेंट पॉल मैथोडिस्ट चर्च की ‘सनराइज सर्विस सुबह सवेरे हुई। इसकी अगुवाई रेव्ह. डीपी लाल ने किया। सुबह मोमबत्ती लेकर कलीसिया ने जुलूस निकाला। यूथ के बच्चों ने इसे नाटक के रूप में प्रदर्शित किया। ईस्टर चर्च सर्विस सुबह शुरू हुई। बच्चो का रेव्ह. डीपी लाल ने बपतिस्मा (नामकरण) धार्मिक रीति से किया। डीपी लाल ने आत्मा की पवित्रता पर बल दिया। प्रभु यीशु मसीह आज फिर से जी उठा। हमे अपने पापों, गुनाहों से तौबा कर नई जिंदगी शुरू करनी चाहिए। धार्मिक गीत ‘ईश्वर को देखो प्रेम है अपरम्पार ....., जो क्रूस पर नज़र रखता है .... , ओहो प्यारा मसीहा जीया है,चलो दर्शन को सखी .... गीत गाए गए। संचालन चर्च सचिव अखिल कौशिक ने किया। इस अवसर पर कुसुम मुथैया, क्लेमेंट मुथैया, अमन मसीह, ट्रीज़ा विलियम, ज्योति मसीह, पास्टर मुनीश जॉनसन, आशीष रोबर्ट, लुबना सिडनी, एडविन मसीह आदि रहे।ईस्टर के महापर्व के उपलक्ष्य में ईसाई समुदाय ने शहर के विभिन्न गिरिजाघरो में प्रार्थना अर्चना की। इससे पहले अनुयायियों ने पादरी पारितोष नोयल के नेतृत्व में सूर्य उदय से पहले एक जलूस निकाला, जिसमें मसीही गीत गाते हुए वो कब्रिस्तान में पहूंचकर अपने सगे संबंधियों की कब्रों पर मोमबत्ती जलाई और फूल माला अर्पित की। मृतकों की आत्माओ की शांति के लिए प्रार्थना सभा की। सेंट थॉमस चर्च ईस्टर्न कचहरी रोड पर स्थित कब्रिस्तान में भी भारी संख्या में लोगों में शिरकत की। पादरी नोयल ने बताया की ईस्टर प्रभु यीशु मसीह के मरने के तीन दिन बाद पुन: जीवित होने की याद में मनाया जाता है और भोर के समय कब्रिस्तानो में लोग इस अति महत्वपूर्ण समय को याद करते हैं। जब मसीह मुर्दो में से जी उठा और विश्वास करते हैं कि एक दिन उनके सगे सम्बंधी जो कब्रों में सोऐ हैं वे उठेंगे और अपनों से मिलेंगे।एक-दूसरे को दी बधाईसेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च में रेव्ह. चमन कम्फर्ट व कमलेश कम्फर्ट ने प्रार्थना कराई। सुबह से अनुयायी जुटे और प्रभु यीशु के पुन: जी उठने पर एक-दूसरे को बधाई दी। सेंट लुक्स चर्च में फादर राज, इवेंजलिकल चर्च में डेनियल मसीह, आनंद मसीह, मवाना रोड स्थित बिलीवर चर्च में जॉय माइकल हावर्ड, दुआ का घर चर्च में फिनी अब्राहम, सेंट पीटर्स चर्च में फादर लॉरेंस, सेंट जोन्स चर्च में फादर जॉन, व रिनी नोयल ने बाइबिल से यीशु के संदेश बताए। सभी ने भगवान के पुर्नजीवित हो उठने और पापों से दूर करने की मांग करते हुए उन्हें नमन किया।

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