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सीसीएसयू से आहत बीएसएफ का डिप्‍टी कमांडेंट, सुनवाई नहीं

बीएसएफ में डिप्‍टी कमांडेंट को चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी एक साल में भी न्‍याय नहीं दे सकी। अधिकारियों के चक्‍कर और सरकारी कार्रवाई में डिप्‍टी कमांडेंट को केवल धोखा मिलता रहा। यूनिवर्सिटी ने आरटीआई में...

सीसीएसयू से आहत बीएसएफ का डिप्‍टी कमांडेंट, सुनवाई नहीं
हिन्दुस्तान टीम,मेरठThu, 22 Mar 2018 02:50 AM
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बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट को चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी एक साल में भी न्याय नहीं दे सकी। अधिकारियों के चक्कर और सरकारी कार्रवाई में डिप्टी कमांडेंट को केवल धोखा मिलता रहा। यूनिवर्सिटी ने आरटीआई में चार्ट के पन्ने गायब होने की बात कबूल ली, लेकिन डिप्टी कमांडेंट को मार्कशीट देने पर कार्रवाई ही नहीं की। परेशान कमांडेंट एक साल से यूनिवर्सिटी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। डिप्टी कमांडेंट का सवाल है कि वे बॉर्डर की सुरक्षा करें या सीसीएसयू में अधिकारियों के आगे-पीछे चक्कर काटते रहें।

मामला एनएएस कॉलेज से 1997 में अनुक्रमांक 565007 एवं एनरोलमेंट नंबर 9207530 पर बीएड करने वाले अनिल कुमार लाल का है। अनिल वर्तमान में डिप्टी कमांडेंट पद पर बीएसएफ में तैनात हैं। अनिल ने पिछले वर्ष गोपनीय विभाग में मार्कशीट बनाने के लिए आवेदन किया तो नहीं बनी। कारण बताया कि चार्ट का पन्ना गायब है। चार्ट में पेज दस पूरी तरह से फटा हुआ है। रजिस्ट्रार कॉपी में भी पूरा पेज गायब है। संबंधित चार्ट में आगे-पीछे दर्ज करीब 20 छात्रों के रिकॉर्ड गायब थे। अनिल ने मार्कशीट बनाने को कहा तो यूनिवर्सिटी ने इंकार कर दिया। डिप्टी कमांडेंट ने विवि से आरटीआई में सूचना मांगी तो चार्ट के पन्ने गायब होने की बात स्वीकारते हुए कार्रवाई बंद कर दी। यूनिवर्सिटी ने कहा कि सूचना देना संभव नहीं है क्योंकि यह चार्ट में उपलब्ध नहीं है। बेहद गंभीर मामला होने के बावजूद यूनिवर्सिटी ने चार्ट फाड़ने एवं रिकॉर्ड गायब होने पर कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि डिप्टी कमांडेंट यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहे हैं। डिप्टी कमांडेंट के अनुसार उनका जल्द ही रिटायरमेंट है। वे टीचिंग के लिए आवेदन करना चाहते हैं, लेकिन मार्कशीट नहीं मिल रही। यूनिवर्सिटी चार्ट के पन्ने फाड़ने में उल्टे उन्हें ही शक की निगाह से देख रही है। डिप्टी कमांडेंट के अनुसार वे नौकरी करें या यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के चक्कर काटते रहें। खास बात यह भी है कि यूनिवर्सिटी में इस वक्त एमबीबीएस की कॉपियां बदलने का प्रकरण छाया हुआ है, लेकिन चार्ट बदलने जैसे गंभीर मामले में यूनिवर्सिटी ने चुप्पी साध रखी है।

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