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गंगा में बढ़ीं डॉल्फिन, अब तक 28 मिली

हस्तिनापुर के आसपास गंगा में पिछले साल के मुकाबले डॉल्फिन की संख्या बढ़ी है। माना जा रहा है कि बिजनौर में गहरे पानी के कुंड कम हो गए हैं इसलिए हस्तिनापुर के आसपास बने गहरे पानी के कुंड में डॉल्फिन...

गंगा में बढ़ीं डॉल्फिन, अब तक 28 मिली
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 15 Oct 2018 01:44 AM
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हस्तिनापुर के आसपास गंगा में पिछले साल के मुकाबले डॉल्फिन की संख्या बढ़ी है। माना जा रहा है कि बिजनौर में गहरे पानी के कुंड कम हो गए हैं इसलिए हस्तिनापुर के आसपास बने गहरे पानी के कुंड में डॉल्फिन शिफ्ट हो गई हैं। गिनती कार्य में अभी तक कुल 28 डॉल्फिन दिख चुकी हैं। पिछले साल गंगा में गिनती कार्य के दौरान टीम को 32 डॉल्फिन दिखी थी।

मेरी गंगा मेरी डॉल्फिन अभियान के तहत विश्व प्रकृति निधि भारत और उत्तर प्रदेश वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एचएसबीसी के सहयोग से डॉल्फिन गणना चल रहा है। रविवार को वरिष्ठ परियोजना अधिकारी मोहम्मद शाहनवाज खान के मुताबिक टीम ने गंगा में अभी तक कुल 28 डॉल्फिन देखीं। आज भी डॉल्फिन की गिनती होगी। डॉल्फिन गिनती में जुटी टीम को इस बार बिजनौर के मुकाबले मेरठ की तरफ डॉल्फिन की संख्या बढ़ी मिली है। टीम के मुताबिक बिजनौर क्षेत्र में पिछले साल ग्यारह डॉल्फिन दिखी थी। इस बार सात डॉल्फिन दिखाई दी। जबकि मेरठ क्षेत्र में हस्तिनापुर में तीन डॉल्फिन दिखी थी। इस बार सात डॉल्फिन दिखी। अब हस्तिनापुर इलाके में डॉल्फिन की संख्या बढ़ने से यहां लोग गंगा में डॉल्फिन की और ज्यादा पानी में अठखेलियां करते देखेंगे।

वरिष्ठ समन्वयक संजीव यादव का कहना है कि जिस नदी में डॉल्फिन पाई जाती है, उसे स्वस्थ माना जाता है। किसी भी नदी को स्वच्छ निर्मल रखने के लिए उसमें जलीय जीवों की अत्यंत आवश्यकता होती है, जिसका महत्वपूर्ण अंग डॉल्फिन भी हैं। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि जलीय जीवों के संरक्षण में सहयोग करें। मखदूमपुर गंगा घाट पर ही घड़ियाल और कछुआ संरक्षण के लिए भी परियोजना भी चलाई जा रही है।

बिजनौर से नरौरा तक :

गंगा में बढ़ रहा डॉल्फिन का कुनबा

2015 - 22

2016 - 30

2017 - 32

2018 - 28 (डॉल्फिन गिनती का आज भी होगा कार्य)

जलीय जीवों का उत्तम वास स्थल

बिजनौर से नरौरा बैराज तक का क्षेत्र जलीय जीवों के लिए उत्तम वास स्थल है। पिछले साल बिजनौर के आसपास डॉल्फिन की संख्या अधिक थी। इस बार हस्तिनापुर के आसपास गंगा में डॉल्फिन की संख्या बढ़ी है।

अदिति शर्मा, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मेरठ

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