व्यवस्था से त्रस्त 55 लोग दिल्ली में लेंगे जलसमाधि
इंद्रप्रस्थ प्रदेश संघर्ष छह वर्षों से जनहित की मांग उठा रहा है। लेकिन आमजन की बात नहीं सुनी जा रही है। इसलिए 28 जुलाई को दिल्ली में जलसमाधि लेने से पहले शनिवार को खुद अपनी तेहरवीं...
इंद्रप्रस्थ प्रदेश संघर्ष छह वर्षों से जनहित की मांग उठा रहा है। लेकिन आमजन की बात नहीं सुनी जा रही है। इसलिए 28 जुलाई को दिल्ली में जलसमाधि लेने से पहले शनिवार को खुद अपनी तेहरवीं की।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिवाच ने अपार चैंबर में अपनी और कार्यकर्ताओं की तेरहवीं की रस्म अदा की। अशोक सिवाच ने कहा कि आज समाज में आमजन अपने बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य मुहैया कराना मुश्किल हो गया है। चारों ओर घूसखोरी और भ्रष्टाचार को बोलबाला हो चुका है। अस्पतालों में मरीजों की नहीं सुनी जा रही है। इसके साथ ही मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़ मंडलों को दिल्ली प्रदेश में शामिल करें। इसके साथ ही दिल्ली प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। सभी डाक्टरों की फीस 100 रुपये और स्कूलों की फीस 200 रुपये से ज्यादा कतई ना हो। समान शिक्षा हमारे देश का हिस्सा होनी चाहिए। अस्पतालों में ऑपरेशन की फीस भी तय होनी चाहिए। अपार चैंबर में तेरहवीं की रस्म अदा की। कहा कि जलसमाधि लेने से पहले 55 लोग दिल्ली में राजघाट पर एकत्र होंगे। इसके बाद पैदल यात्रा करते हुए यमुना में जलसमाधि लेंगे। इनमें 21 लोगों को गंगास्नान की रस्म के लिए गंगाजी पर भेजा गया है। तेरहवीं में नंदकिशोर, इस्लाम, इकबाल, नरेश शर्मा, पवन कुमार, गोपाल शर्मा, रकम सिंह, काले, रिंकू, ओमप्रकाश शर्मा, रविंदर तोमर, बबलू, साजिद आदि मौजूद रहे।