लुटेरों के सामने खाकी पस्त, ताबड़तोड़ वारदात
अपराधियों ने ताबड़तोड़ वारदातों की झड़ी लगा दी है और पुलिस हर मोर्चे पर फेल साबित हो रही है। घटनाओं को रोकने से लेकर उनका खुलासा करने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। वेस्ट यूपी में दो दिन में दो बैंक...
अपराधियों ने ताबड़तोड़ वारदातों की झड़ी लगा दी है और पुलिस हर मोर्चे पर फेल साबित हो रही है। घटनाओं को रोकने से लेकर उनका खुलासा करने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। वेस्ट यूपी में दो दिन में दो बैंक लूट, हत्याएं और सहारनपुर में लगातार हो रही हिंसा तो इसी बात की गवाह है कि अपराधी बेकाबू हैं। पुलिस के पास न तो कोई प्लानिंग है और न ही कोई ठोस कार्रवाई नजर आ रही है। शासन ने वेस्ट यूपी में क्राइम को देखते हुए एडीजी और आईजी की तैनाती की, लेकिन सब बेकार लग रहा है। क्राइम कैपिटल मेरठ और मुजफ्फरनगर में बदमाशों ने कोहराम मचाया हुआ है। दो दिन में बैंक और सहकारी समिति से लूटपाट की वारदात के बाद कानून-व्यवस्था और पुलिस की चौकसी के तमाम दावों की कलई खुल गई है। चेकिंग के बीच अपराधी हथियारों के साथ खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस को खबर तक नहीं हो रही। हाई-स्पीड बाइक और उनके सवार को चेक करने का आदेश दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद बदमाश बड़ी वारदात अंजाम दे रहे हैं और बड़ी आसानी से फरार भी हो रहे हैं। हाल फिलहाल में हुई वारदात इस बात की गवाही दे रही हैं। मेरठ में सहकारी समिति में हुई डकैती और मुजफ्फरनगर के पीनना में सर्व यूपी ग्रामीण बैंक में 30 मई को हुई साढ़े सात लाख की डकैती की वारदात के बाद तो पूरा जोन दहला हुआ है। साफ है कि पुलिसिंग में चूक है और अपराधियों में खौफ नहीं है। तभी तो पिछले करीब एक माह से ताबड़तोड़ वारदात हो रही है और पुलिस का इकबाल जैसे खत्म हो चुका है। सर्राफा कारोबारियों से डकैती का खुलासा बाकी बदमाशों ने गंगानगर में ज्वैलर्स के यहां करीब आठ लाख का माल लूटा था। इस दौरान बदमाशों ने फिल्मी स्टाइल में वारदात अंजाम दी थी। इस प्रकरण में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। इतना ही नहीं पीवीएस रोड पर भी ज्वैलरी शोरूम को बदमाशों ने दिनदहाड़े डकैती डाली थी। घटना का खुलासा आज तक नहीं हुआ। मेरठ में पहले भी बैंकों पर रही अपराधियों की नजर 1. मेरठ में जानी थाने के धौलड़ी गांव में इलाहाबाद बैंक पर 22 फरवरी 2013 को बदमाशों ने धावा बोला था। बदमाशों ने कुछ कैश और 13 लॉकर लूटे थे। करीब दो करोड़ से ऊपर का माल लूटकर बदमाश फरार हो गए थे। पुलिस ने किरकिरी से बचने के लिए अपनी रिपोर्ट में मात्र दो लॉकर लूटना दिखाया था। बदमाशों की गिरफ्तारी का दावा किया गया, लेकिन लूटा गया सामान, जेवरात और दस्तावेज बरामदगी नाम मात्र की हुई थी। साफ है कि पुलिस ने लीपापोती कर डाली थी। 2. बेखौफ बदमाशों ने बीच शहर में जागृति विहार सेक्टर-9 में भी एक बैंक लूटा था। 12 मई 2013 को बदमाशों ने जिला सहकारी बैंक को निशाना बनाया था। यहां से बदमाश 26 लाख रुपये लूटकर गए थे। इस दौरान बदमाशों ने स्ट्रांग रूम में घुसकर नकदी लूटी थी। इस घटना को बड़े ही पेशेवर बदमाशों ने अंजाम दिया था। 3. वर्ष 1997 में रोहटा में बदमाशों ने सिंडिकेट बैंक को भी निशाना बनाया था। यहां बदमाशों ने बैंक से लाखों रुपये की नकदी लूटी थी। इसके बाद बदमाश फरार हो गए थे। इस वारदात का पुलिस ने अधूरा खुलासा किया था। दो दिन पूर्व मुजफ्फरनगर में लूटा बैंक बदमाशों के एक गैंग ने मुजफ्फरनगर के पीनना में सर्व यूपी ग्रामीण बैंक को दो दिन पूर्व यानी 30 मई को निशाना बनाया था। बदमाशों ने दिन दहाड़े बैंक को लूट लिया और करीब 7.56 लाख रुपये की रकम लूटी। इसके बाद तो एसएसपी और तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन खुलासा अभी तक नहीं हुआ। सहकारी समिति में भी कुछ इसी स्टाईल में वारदात अंजाम दी गई है। ऐसे में अंदेशा है कि दोनों वारदातों को कहीं एक ही गिरोह ने तो अंजाम नहीं दिया है।