ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश मेरठकोरोना की भेंट चढ़ेगा फिर आने वाला सत्र

कोरोना की भेंट चढ़ेगा फिर आने वाला सत्र

प्राइमरी से उच्च शिक्षा तक शैक्षिक सत्र के लगातार दूसरी बार कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ने के आसार हैं। 2020 में देरी से परीक्षा और नए सत्र के बाद...

कोरोना की भेंट चढ़ेगा फिर आने वाला सत्र
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 08 May 2021 03:22 AM
ऐप पर पढ़ें

मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

प्राइमरी से उच्च शिक्षा तक शैक्षिक सत्र के लगातार दूसरी बार कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ने के आसार हैं। 2020 में देरी से परीक्षा और नए सत्र के बाद 2021 में भी वही पुरानी स्थितियां बनने लगी हैं। सरकार ने जुलाई से पहले परीक्षाओं की संभावनाओं से इंकार कर दिया है।

जुलाई से पहले बोर्ड परीक्षा नहीं होने का असर विश्वविद्यालयों के शैक्षिक सत्र पर पड़ेगा। विवि में भी अभी मुख्य परीक्षाएं लंबित हैं। नई स्थितियों से चौ.चरण सिंह विवि में दो से तीन महीने तक सत्र आगे बढ़ने के आसार हैं। बिना इंटर की परीक्षा और रिजल्ट के स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश नहीं हो सकेंगी। पीजी प्रथम वर्ष भी प्रवेश नहीं हो सकेंगे।

नहीं हो पाएंगी परीक्षाएं

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि जुलाई से पहले परीक्षाओं की उम्मीद नहीं है। इसके बाद विश्वविद्यालय और माध्यमिक में जून में परीक्षा की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। चौ.चरण सिंह विवि में यूजी-पीजी की मुख्य परीक्षाएं लंबित हैं। विवि केवल दो दिन ही परीक्षाएं करा पाया था। जून में परीक्षाएं होने की उम्मीद थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद अब जून में भी परीक्षाओं की उम्मीद खत्म हो गई है।

2020 में यह हुआ

-सीबीएसई में 10वीं के सभी पेपर नहीं हो सके थे।

-इंटर के अधिकांश पेपर हुए थे। कुछ पेपर स्थगित हुए थे।

-सितंबर में हो पाई थी विवि में फाइनल इयर की परीक्षाएं।

-बोर्ड के मूल्यांकन में देरी हुई। रिजल्ट देर से आए।

-सीसीएसयू में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई। फरवरी तक प्रवेश हुए।

-पूरा सत्र ऑनलाइन कक्षाओं पर चला। कुछ महीने ऑफलाइन क्लास हुईं।

------------

2021 में बने ये हालात

-इस बार शुरू ही नहीं हो पाई बोर्ड परीक्षाएं।

-सीबीएसई में दसवीं के पेपर स्थगित किए।

-सीसीएसयू में केवल दो पेपर हुए। बाकी परीक्षा लंबित।

-सेमेस्टर परीक्षाओं पर अभी संशय। नहीं भरे गए फॉर्म।

-इस बार ऑनलाइन कक्षाएं चल रही। नए सत्र में प्रवेश में देरी तय।

----------------

आंकड़ों में उच्च शिक्षा

-09 जिले।

-1000 ये अधिक कॉलेज।

-06 लाख से अधिक स्टूडेंट।

-चार लाख से अधिक छात्र रेगुलर मोड में।

---------

पिछले साल से ही कॉलेजों की स्थितियां खराब हैं। प्रवेश हुए नहीं। इस साल भी वही हालात बन गए हैं। एडमिशन का समय आने वाला है और कोरोना से अनिश्चिता बनी हुई हैं। ऑफलाइन क्लास बंद होने से फीस भी नहीं आ रही। हालात यह है कि बैंकों की किश्त और स्टॉफ देना मुश्किल हो रहा है। स्कॉलरशिप मिल नहीं रही है। सरकार ने स्कॉलरशिप की राशि भी घटा दी। स्कॉलरशिप भी अभी तक सरकार से नहीं मिली है। कॉलेजों को चलाना बेहत चुनौतीपूर्ण है।

-पुखराज चौधरी, महामंत्री, स्ववित्तपोषित उच्च शिक्षा महासभा

-----------------

हिन्दुस्तान घंटी बजाओ में प्रवीण सर के साथ इनपुट

फोटो डॉ. वीर बहादुर

दोनों सत्र में छात्रों की पढ़ाई शून्य के बराबर

केके इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. वीर बहादुर सिंह का कहना है कि पिछले साल ऑनलाइन में फिर भी कुछ पठन पाठन हो गया , लेकिन इस बार तो कुछ दिन स्कूल खुलने के बाद कोविड के चलते ऑनलाइन क्लास भी बंद हो गई। शिक्षक स्टाफ सभी बीमार चल रहे हैं। तनावपूर्ण माहौल में शिक्षा के दोनों सत्र में छात्रों की पढ़ाई शून्य के बराबर हुई है। कोर्स पूरा करने से ज्यादा सुरक्षा जरूरी हो गई है।

- डॉ. वीर बहादुर सिंह, केके इंटर कालेज प्रधानाचार्य

फोटो डॉ. कमेंद्र सिंह

हर स्कूल में शिक्षक-बच्चे बीमार

सहोदय मेरठ महान के अध्यक्ष व कालका पब्लिक स्कूल प्रधानाचार्य डॉ. कमेंद्र सिंह का कहना है कि कोविड से लगातार दो साल जूझते हुए हो गए हैं। पहला साल भी पठन पाठन सुस्त रहा, तो दूसरे साल में स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है। शिक्षक व बच्चों का परिवार तनाव व संक्रमण से जूझ रहा है। ऐसे माहौल में पढ़ाई संभव नही है। वर्तमान की स्थिति में पहले जान की सुरक्षा है - डॉ. कमेंद्र सिंह, सहोदय मेरठ महान अध्यक्ष

फोटो मतीन अंसारी

बच्चे बेसिक भी भूल गए, शिक्षा का स्तर शून्य हो गया

बेसिक शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित मतीन अंसारी का कहना है कि कोविड के चलते पिछला साल भी बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर नहीं रहा। इस साल तो बहुत बेकार स्थिति है। सुरक्षा की प्राथमिकता भी जरूरी है। लेकिन बच्चे बेसिक पूरी तरह से भूल गए हैं। गांव देहात के बच्चों के अंदर पठन पाठन की आदत शून्य के बराबर हो गई है। - मतीन अंसारी, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

फोटो डॉ. दीपशिखा

परेशानी बहुत है पर शिक्षा से पहले जान की सुरक्षा है

आरजी पीजी गर्ल्स कालेज की प्राचार्या डॉ. दीपशिखा का कहना है कि इस समय स्थिति बहुत खराब है। वर्तमान में शिक्षा से पहले जान की सुरक्षा है। शिक्षा के लिए भी कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा। पहले जान की सुरक्षा जरूरी है। सरकार हर तरह का प्रयास करती है, तो शिक्षा के लिए भी कुछ सोच जरूर रही होगी -डॉ. दीपशिखा, प्राचार्या, आरजी पीजी कालेज

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
अगला लेख पढ़ें