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कोरोना का असरः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उलेमा और प्रशासन की मानी सलाह, मस्जिदों में नहीं पहुंचे नमाजी

 कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए जुम्मे के मौके पर मुस्लिमों ने अपील मानी और नमाज के लिए मस्जिदों का रुख नहीं किया। लोगों ने घरों में ही नमाज अदा की और कोरोना वायरस से निजात के लिए दुआ...

कोरोना का असरः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उलेमा और प्रशासन की मानी सलाह, मस्जिदों में नहीं पहुंचे नमाजी
हिन्दुस्तान टीम,मेरठ Fri, 27 Mar 2020 02:25 PM
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 कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए जुम्मे के मौके पर मुस्लिमों ने अपील मानी और नमाज के लिए मस्जिदों का रुख नहीं किया। लोगों ने घरों में ही नमाज अदा की और कोरोना वायरस से निजात के लिए दुआ मांगी।
शहर में इमलियान मस्जिद पर ताला लगा रहा। बाहर पुलिस का पहरा था। एडीजी और आईजी के साथी डीएम व एसएसपी ने पूरे शहर का दौरा किया। शाही जामा मस्जिद में भी नमाजी नहीं पहुंचे वहां एक दो लोग ही मौजूद थे मस्जिद से अजान हुई और लोगों ने घरों में ही नमाज अदा की।  शहर काजी  और नया शहर काजी समेत तमाम उलेमा और मुस्लिमों ने घरों में ही नमाज अदा कर दुआ मांगी। गोला कुआं और खोज वाली मस्जिद में भी नमाजी नहीं पहुंचे।  कारी शफीक उर रहमान और शहर काजी प्रोफेसर जैनुल साजिदीन सिद्दीकी समेत तमाम उलेमाओं की अपील मुस्लिमों ने मानी।

कानपुर में भी नहीं पहुंचे: :

कानपुर शहर में पहली बार कोरोना से सावधानी के चलते जुमे की नमाज मस्जिदों में जमात (समूह) के साथ नहीं हुई।कुछ मस्जिदों में बाहर संदेश चस्पा कर ताला डाल दिया गया। लोगों ने घरों में इसके स्थान पर जोहर की नमाज अदा की। मस्जिदों के बाहर एहतियातन पुलिस बल तैनात किया गया था।

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