कोरोना महामारी उपभोगवादी प्रवृत्ति का नतीजा
वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है। यह महामारी मनुष्य की उपभोगवादी प्रवृत्ति का नतीजा है। विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं डूब चुकी हैं। उनके सामने व्यक्ति...
वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है। यह महामारी मनुष्य की उपभोगवादी प्रवृत्ति का नतीजा है। विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं डूब चुकी हैं। उनके सामने व्यक्ति का जीवन बचाना ही सबसे बड़ी चुनौती है। पूरी दुनिया आज भारत से बहुत कुछ सीख सकती है। भारत में स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, अरविंद घोष और पं.दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों ने जो चिंतन दिया है वह आज प्रासंगिक है। आर्थिक युग ने इस चिंतन को पिछड़ा बताकर नकार दिया जबकि वह संपूर्ण विश्व के कल्याण की बात करता है।
चौ.चरण सिंह विवि के राजनीति विज्ञान विभाग एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ में कोविड-19 के साथ जीवन: स्वावलंबी भारत की रूपरेखा विषय पर शुरू हुई 15 दिवसीय वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र में यह बात महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विवि वर्धा महाराष्ट्र के कुलपति प्रो.रजनीश शुक्ल ने कही। प्रो.शुक्ल ने कहा कि महात्मा गांधी ने सन 1916 में कहा था कि स्वदेशी का तात्पर्य हमारे लोगों का हजारों वर्षों से विश्वास है चाहे वह हमारा धर्म हो चाहे हमारी उत्पादन प्रणाली हो या हमारी वितरण व्यवस्था। जो भी हमारे आसपास उपलब्ध है वही सब स्वदेशी हैं। ग्रामीण समाज आज भी भारतीय समाज की रीढ़ है।
पीठ के निदेशक प्रो. पवन शर्मा ने कहा कि महामारी में मानवता का संरक्षण एवं संवर्धन सबसे महत्वपूर्ण है। प्रोवीसी प्रो.वाई विमला ने कहा कि हमें अपनी सनातन पद्धति एवं परंपरा को पुर्नजीवित करना होगा ताकि भारत फिर से विश्व गुरु बन सके। वर्तमान संकट का कारण जीवन पद्धति को भुलाने का है। मनुष्य ने प्रकृति का अति उपभोग किया है जिसके परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। हमें ऐसी व्यवस्था का निर्माण करना है जिसमें प्रकृति को बिना नुकसान आगे बढ़ सकें। यह केवल भारतीय सनातन ज्ञान परंपरा से संभव है। वर्कशॉप में 16 राज्यों के 840 विवि एवं महाविद्यालयों से 1901 शिक्षक एवं रिसर्च स्कॉलर भाग ले रहे हैं। वर्कशॉप में डॉ. राजेंद्र पांडेय, डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. देवेंद्र उज्ज्वल, डॉ. सुषमा रामपाल, संतोष त्यागी, नितिन त्यागी, भानु प्रताप सिंह आदि ने ऑनलाइन हिस्सा लिया।
