बिना आदेश 15 साल से हो रही शिक्षकों की परेड
Meerut News - मेरठ मंडल के सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के एमएड शिक्षकों की कैंपस परेड पर विवाद खड़ा हो गया है। फेडरेशन ने 2005 के आदेश को फर्जी बताया है और कहा है कि इसका हवाला देकर शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है।...

मेरठ। प्रमुख संवाददाता काउंसिलिंग से ठीक पहले मेरठ मंडल के सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के एमएड शिक्षकों की कैंपस में होने वाली परेड पर सीसीएसयू पर सवाल उठने लगे हैं। सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन ने शिक्षक सत्यापन के 2005 में जारी आदेश के फर्जी बताया है। फेडरेशन के अनुसार ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं हुआ था और विवि इसका हवाला देकर हर साल शिक्षकों की कैंपस में परेड कराता है। विभिन्न सत्रों में विवि इसी आदेश के हवाले से कई कॉलेजों को काउंसिलिंग से रोक चुका है। फेडरेशन ने सत्यापन स्थगित नहीं करने पर हाईकेार्ट जाने की चेतावनी दी है।
अध्यक्ष नितिन यादव के अनुसार, 21 अक्तूबर 2005 को जारी शासनादेश में कहीं भी एमएड शिक्षकों के सत्यापन की बाध्यता नहीं है। उस वक्त यह आदेश बीएड, एमएड, बीपीएड पाठ्यक्रमों में संबद्धता प्रस्तावों को पूरा करने के लिए नियम लागू करने के लिए जारी हुआ था। नितिन यादव के अनुसार, इस शासनादेश में शिक्षकों के भौतिक सत्यापन की व्यवस्था है ही नहीं। फेडरेशन ने विवि पर 15 साल से बिना किसी आदेश के भौतिक सत्यापन के नाम पर शिक्षकों के शोषण के आरेाप लगाए हैं। फेडरेशन के मुखर होने के बाद विवि को इस बार भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया बदलनी पड़ सकती है। हालांकि विवि प्रशासन के अनुसार शिक्षकों का सत्यापन मानकों को जांचने और छात्र हित में कराया जाता है। कई बार प्रवेश के बाद छात्र कॉलेज में शिक्षक नहीं हेाने की शिकायत करते हैं।
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