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बंगला 173 का होगा अधिग्रहण, अवैध निर्माणों का शमन शुल्क तय

बुधवार को करीब पांच महीने बाद हुई कैंट बोर्ड मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। बोर्ड ने चेंज ऑफ परपज कर अवैध रूप से दुकानें बनाने को लेकर सुर्खियों में आए आबूलेन के बंगला नंबर 173 का अधिग्रहण का...


बंगला 173 का होगा अधिग्रहण, अवैध निर्माणों का शमन शुल्क तय
हिन्दुस्तान टीम,मेरठThu, 31 May 2018 01:41 AM
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बुधवार को करीब पांच महीने बाद हुई कैंट बोर्ड मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। बोर्ड ने चेंज ऑफ परपज कर अवैध रूप से दुकानें बनाने को लेकर सुर्खियों में आए आबूलेन के बंगला नंबर-173 का अधिग्रहण का प्रस्ताव पास कर रक्षा मंत्रालय भेजने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने कैंट में पहली बार अवैध निर्माणों के लिए शमन शुल्क की दर भी तय कर दी है। कैंट क्षेत्र में चल रही डेयरियां बाहर होंगी। सब एरिया कमांडर ने होटल और रेस्टोरेंट के बाहर सेना के सभी रैंकों के प्रवेश प्रतिबंधित वाले बोर्ड हटाने का भी आदेश जारी कर दिया। बोर्ड ने 149 करोड़ का बजट प्रस्ताव भी पास कर दिया।

नए पश्चिमी यूपी सब एरिया कमांडर मेजर जनरल पीएस सांई और सीईओ प्रसाद चव्हाण ने अपनी पहली बोर्ड मीटिंग में ही चेंज ऑफ परपज कर अवैध निर्माण करने वालों को सख्त संदेश देते हुए आबूलेन के बंगला नंबर-173 का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजने का फैसला लिया। यह बंगला ज्योति प्रसाद के नाम से जीएलआर में दर्ज है। इस रिहायशी बंगले में दुकानें बनाई गई हैं। इसका कुल एरिया करीब 3.10 एकड़ है जिसमें से 55 हजार वर्ग मीटर जमीन पहले ही कैंट बोर्ड के पास है। बोर्ड ने अवैध निर्माण के 26 मामलों में नोटिस जारी करने का फैसला लिया है। मीटिंग की अध्यक्षता पश्चिमी यूपी सब एरिया कमांडर मेजर जनरल पीएस सांईं ने की। संचालन सीईओ प्रसाद चव्हाण ने किया। उपाध्यक्ष बीना वाधवा, रिनी जैन, सदस्य बुशरा कमाल, अनिल जैन, नीरज राठौर, धर्मेन्द्र सोनकर, मंजू गोयल, विपिन सोढ़ी, ब्रिगेडियर एससी गुप्ता, एडम कमांडेंट कर्नल रोहित पंत, कर्नल अमरवीर, मेजर चेतन वी धवाड़ और मेजर मनमोहन एस बरार मौजूद रहे।

बड़ा फैसला: कैंट में पांच से दस फीसदी शमन शुल्क तय

कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने कैंट में शमन शुल्क तय करने का मुद्दा उठाया। वाधवा ने कहा कि कैंट में अवैध निर्माणों का नियमों के दायरे में शमन होना चाहिए। इस पर बोर्ड ने तय किया कि जो निर्माण कैंट एक्ट के तहत शमन योग्य होंगे उनका शमन किया जाए। आवासीय निर्माण के लिए दस फीसदी और कामर्शियल के लिए 5 फीसदी शमन शुल्क तय कर दिया गया है।

होटल-रेस्टोरेंट के बाहर से हटेंगे सेना के बोर्ड

कैंट बोर्ड सदस्य अनिल जैन ने कैंट क्षेत्र में कुछ होटल और रेस्टोरेंट के बाहर सेना के सभी रैंकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने संबंधी बोर्ड लगाए जाने का मामला उठाया। जैन ने कहा कि जो खाना सेना के लिए खराब है क्या वह आम लोगों की सेहत खराब नहीं करेगा। एडम कमांडेंट कर्नल रोहित पंत और स्टेशन हेल्थ ऑफिसर मेजर बरार का कहना था कि वह केवल सेना को ही निषेध कर सकते हैं। मेजर जनरल पीएस सांई ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि सेना की तरफ से लगाए गए यह बोर्ड हटाए जाएं और खाने की मॉनिटरिंग के लिए कैंट बोर्ड के साथ टीम नियमित चेकिंग करे और लोगों को जागरूक करे। चेकिंग के वक्त साथ में संबंधित बोर्ड सदस्य को भी बुलाने पर सहमति बनी।

कैंट की डेयरियों का दूध खतरनाक, होंगी बाहर

स्टेशन हेल्थ ऑफिसर कर्नल मनमोहन एस बरार ने कैंट में चल रहीं डेयरियों के दुग्ध की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जिस तापमान और गंदगी के हालात में छोटे-छोटे दड़बों में इन डेयरियों में पशु रहते हैं उसमें इनका दूध सेहत के लिए खतरनाक है। इन डेयरियों से होने वाली गंदगी से पैदा होने वाले मच्छर मक्खी गंभीर संक्रामक रोग फैलाते हैं। इसलिए इन्हें दो महीने के अंदर बाहर किया जाए। इस पर बोर्ड ने मुहर लगा दी। सदस्य बुशरा कमाल ने सुझाव दिया गया के अगर सेना का डेयरी फार्म बंद किया जा रहा हो तो डेयरी संचालकों को उक्त फार्म पर जगह दी जाए। एडम कमांडेंट कर्नल रोहित पंत ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि डेयरी फार्म बंद नहीं हो रहा है।

दो महीने में खत्म होगी मोबाइल सिग्नल की समस्या

कैंट बोर्ड ने कम्युनिकेशन ऑन व्हील योजना के तहत मोबाइल लगाने के लिए दस जून तक रीटेंडर की प्रक्रिया पूरी करने का फैसला लिया। साथ ही कमांडर ने कहा कि दो महीने के अंदर मोबाइल सिग्नल की समस्या खत्म हो जाए इसके लिए काम तेज करें।

28 साल हो गए अब तो बताएं कब बनेगा सीवरेज सिस्टम

उपाध्यक्ष बीना वाधवा और सदस्य विपिन सोढ़ी ने कहा कि 28 सालों से सुनते आ रहे हैं पर सीवरेज सिस्टम पर कोई काम नहीं हुआ। उपाध्यक्ष ने कहा कि सीईओ अब तो बताएं कि आखिर काम कब होगा। इस पर कमांडर ने इसकी टेंडर प्रक्रिया को तेज करने का आदेश दिया।

पांच माह बाद मीटिंग, सेंट्रल कमांड की चिट‌्ठी

कैंट बोर्ड की एक सामान्य मीटिंग हर महीने होनी चाहिए। साथ ही बोर्ड में बनी तीनों कमेटियों की मीटिंग भी नियमित रूप से होनी चाहिए। कैंट बोर्ड की मीटिंग जनवरी 2018 में हुई थी। इसके बाद गत 27 मार्च को मीटिंग तय हुई पर स्थगित हो गई। यह मीटिंग 29 मई को रखी गई पर चुने हुए सात बोर्ड सदस्य न आने के चलते कोरम पूरा नहीं हुआ और मीटिंग 30 मई को रखी गई। सेंट्रल कमांड से भेजे गए एक पत्र को भी इस मीटिंग में रखा गया जिसमें कहा गया है कि हर महीने बोर्ड की मीटिंग अवश्य हो।

कैंट बोर्ड के कुछ और बड़े फैसले:

बिजली विभाग को ट्रांसफार्मर वाली जगहें दी जाएंगी लीज पर, नहीं होगा कोई विवाद।

कैट में सिनेमाघरों के शो टैक्स को 100 रुपये से घटाकर दोबारा 20 रुपये प्रति शो किया गया।

कैंट बोर्ड अस्पताल की दवा खरीद के बिल पास।

बंगला नंबर 180 में नहीं बनेगी पार्किंग, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का प्रस्ताव ही आगे बढ़ेगा, मंजू गोयल ने रखा था प्रस्ताव।

माल रोड पर रायल होटल वाली रोड के लिंक पर डेवलप होगा तिराहा।

वकीलों के पैनल की फीस पंद्रह हजार रुपये महीना और जीतने पर पांच हजार देने पर भी लगी मुहर।

सीईई अनुज सिंह के काम की हर दो महीने में समीक्षा

सीईई अनुज सिंह के मामले में बोर्ड ने एक बार फिर ऑन कैमरा चर्चा करते हुए बंद कमरे में फैसला लिया। विगत 11 जनवरी को हुई एक बोर्ड मीटिंग में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में सीईई अनुज सिंह को पुनः सेवा में लेते हुए उसी बैठक में एक अन्य विषय पर उन्हें पुनः सस्पेंड कर दिया गया था। इस पर अनुज सिंह को हाईकोर्ट से स्थगनादेश मिल गया था। तत्कालीन कार्यवाहक सीईओ आलोक गुप्ता ने अनुज सिंह को इस आदेश के बाद बहाल कर दिया था। अब इस पर बोर्ड ने भी मुहर लगा दी। हालांकि मंजू गोयल ने इसका विरोध किया जबकि बोर्ड के सात चुने हुए सदस्यों ने पक्ष मत रखा। बाद में बोर्ड प्रवक्ता एम ए ज़फ़र ने मीडिया को बताया कि सीईई अनुज सिंह कि तय हुआ कि अनुज सिंह का कार्यक्षेत्र तय करने का अधिकार सीईओ को दिया गया है और हर दो महीने में वह इनके काम की मॉनिटरिंग करेंगे। उधर, बैठक में बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल पी एस सांई, मुख्य अधिशासी अधिकारी प्रसाद चव्हाण, उपाध्यक्ष बीना वाधवा, सदस्य रिनी जेन, बुशरा कमाल, नीरज राठौर, अनिल जैन, मंजू गोयल, धर्मेंद्र सोनकर विपिन सोढ़ी, सेना के सदस्यों समेत कार्यालय अधीक्षक एम ए जफ़र शामिल हुए। जिलाधिकारी की ओर से नामित सदस्य व सांसद समेत विधायक भी बैठक में नहीं आये

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वीरबाला पथ समेत कैंट की पांच खराब सड़कें बनेंगी

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कैंट बोर्ड ने वीरबाला पथ समेत खराब पड़ीं पांच सड़कों को तत्काल दुरुस्त कराने का फैसला लिया। आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान ने वीरबाला पथ की बदहाली का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने इसका हवाला देते हुए मांग उठाई कि स्कूल खुलने के पहले यह सड़क बनाई जाए। इस पर कमांडर ने मुहर लगा दी।

कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने कहा कि वीरबाला पथ समेत पांच मुख्य सड़कें बदहाल हैं और इनकी मरम्मत होनी चाहिए। अफसरों ने बताया कि वीरबाला पथ का निर्माण पांच साल की गारंटी के तहत हुआ था। हालांकि इसके लिए स्पेशल ग्रांट की डिमांड की गई थी। निर्माण के बाद ग्रांट आ गई जिसे खर्च नहीं किया जा सका। अब तय हुआ कि मैंटीनेंस के फंड से वीरबाला पथ को कैंट के स्कूल खुलने के पहले बना दिया जाएगा। जी ई साउथ लेफ्टिनेंट कर्नल धावड़ ने भी मेंटिनेंस के मद में इन सड़कों की मरम्मत करवाने का सुझाव दिया। उपाध्यक्ष एवं सदस्यों ने जीई साउथ लेफ्टिनेंट कर्नल धवाड़ का आभार भी जताया गया।

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