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कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास, नये उपाध्यक्ष का चुनाव 31 को

कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा के खिलाफ गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव भाजपा और भाजपा समर्थित सात सदस्यों के बहुमत से पास हो गया। हालांकि भाजपा के कैंट बोर्ड सदस्य नये उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं करा सके।...

कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास, नये उपाध्यक्ष का चुनाव 31 को
हिन्दुस्तान टीम,मेरठFri, 26 Jul 2019 02:13 AM
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कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा के खिलाफ गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव भाजपा और भाजपा समर्थित सात सदस्यों के बहुमत से पास हो गया। हालांकि भाजपा के कैंट बोर्ड सदस्य नये उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं करा सके। बीना वाधवा की कड़ी आपत्ति और नियमों के कारण नये उपाध्यक्ष का चुनाव अब 31 मई को कहा। जमकर हुई बहस में कैंट बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनमोल सूद ने कैंटोनमेंट एक्ट के नियमों का हवाला दिया और कहा कि चुनाव के लिए चार दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य है।

इससे पूर्व उपाध्यक्ष बीना वाधवा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गुरुवार को शाम चार बजे कैंट बोर्ड की विशेष बैठक बुलाई गई। ब्रिगेडियर की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में सबसे पहले उपाध्यक्ष ने चार साल के कार्यकाल को उल्लेखनीय बताया। वे पद पर रहें या न रहें, जनता की सेवा करते रहेंगे। इसके बाद अध्यक्ष की अनुमति से कैंट बोर्ड सीईओ श्री प्रसाद चव्हान ने एजेंडे के तहत उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रखा। इस पर कैंट बोर्ड अध्यक्ष ने सभी सदस्यों ने राय मांगी तो उपाध्यक्ष छोड़ सभी सात सदस्यों ने हाथ उठाकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। उसके बाद उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को पास मान लिया गया। अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद सीईओ ने दूसरे एजेंडे के तहत नये उपाध्यक्ष के चुनाव के प्रस्ताव को रखा। इस प्रस्ताव के रखे जाने के बाद बीना वाधवा ने नियमों का हवाला देकर कड़ी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि नये उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए चार दिन पूर्व नोटिस दिया जाना अनिवार्य है। इस पर जमकर बहस होने लगी। भाजपा सदस्य विपिन सोढ़ी, मंजू गोयल, रिनी जैन, अनिल जैन, धर्मेन्द्र सोनकर, नीरज राठौर आदि कहने लगे कि जब बहुमत है तो फिर चुनाव क्यों नहीं होगा। जमकर वाद-विवाद होने लगा। भाजपा के सदस्य चुनाव की मांग पर अड़े रहे। तब अध्यक्ष ब्रिगेडियर ने कैंट बोर्ड सीईओ और अन्य अधिकारियों से राय और नियमों को बताने को कहा। इस पर लगभग घंटे भर की बहस हुई। अंत में अध्यक्ष ने कहा कि नये उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए चार दिन पूर्व सूचना देना अनिवार्य है। 30 को कांवड़ की छुट्टी है। ऐसे में 31 को सुबह 11 बजे नये उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। भाजपा के सदस्य नियमों के आगे चुप्पी साध गये।

लोकतंत्र नियमों से चलता है

लोकतंत्र नियमों से चलता है। कैंट बोर्ड के नियम में है कि नये उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए चार दिन पूर्व नोटिस दिया जाना अनिवार्य है। अध्यक्ष ने लोकतंत्र की रक्षा की है। अब 31 को चुनाव होगा तो देखा जाएगा

- बीना वाधवा,पूर्व उपाध्यक्ष, कैंट बोर्ड।

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