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चेंज ऑफ पर्पस, नाम परिवर्तन में अब कैंट बनाएगा नीति, लेगा शुल्क

कैंट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अब एक निर्धारित शुल्क देकर नामांतरण (म्यूटेशन), चेंज ऑफ परपज के लिए जल्द ही नीति निर्धारण किया जाएगा। शुल्क का निर्धारण भी कैंट बोर्ड की समिति करेगी। नामांतरण,...

चेंज ऑफ पर्पस, नाम परिवर्तन में अब कैंट बनाएगा नीति, लेगा शुल्क
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 06 Jan 2019 01:42 AM
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कैंट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अब एक निर्धारित शुल्क देकर नामांतरण (म्यूटेशन), चेंज ऑफ परपज के लिए जल्द ही नीति निर्धारण किया जाएगा। शुल्क का निर्धारण भी कैंट बोर्ड की समिति करेगी। नामांतरण, चेंज ऑफ परपज के लिए सभी को शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा। एक समान नीति से कार्रवाई की जाएगी। कैंट की सिविल एरिया कमेटी ने शनिवार को कुल 53 मामलों की सुनवाई की। इन सभी को कुछ शर्तों के साथ स्वीकृति प्रदान की गई। एक मामले में कमेटी चेयरमैन बीना वाधवा ने स्वयं निरीक्षण के बाद निर्णय लेने की बात कही।

कैंट क्षेत्र में सम्पत्तियों का नामांतरण, ‌फेरबदल आसान नहीं होता। ऐसे मामलों में पहले सिविल एरिया कमेटी की बैठक होती है। उसके बाद उसे बोर्ड में रखा जाता है। शनिवार को कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष व सिविल एरिया कमेटी की चेयरमैन बीना वाधवा की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक हुई। चेयरमैन ने कहा कि उनके लिए कैंट क्षेत्र की जनता के हित सबसे ऊपर हैं। उसके बाद एक-एक मामले एजेंडे के साथ रखे गए। सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद उस पर सहमति व्यक्त की गई।

सदर, लालकुर्ती, बकरी बाजार, आबूलेन की कुछ संपत्तियों के मामले में कैंट के सदस्य आपस में ही उलझते दिखे। कुल 53 मामलों में विचार हुआ, जिनमें नौ मामले नवीनीकरण के थे। वहीं, चेयरमैन और कैंट बोर्ड सीईओ प्रसाद चव्हान ने सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद चेंज ऑफ पर्पज और नाम परिवर्तन को लेकर एक समान नीति और शुल्क लागू करने का निर्णय लिया।

उद्देश्य बताया गया कि कैंट क्षेत्र की जनता को नाम परिवर्तन, चेंज ऑफ परपज में परेशानी से बचाना। कैंट बोर्ड प्रवक्ता एमए जफर ने बताया कि जल्द ही नीति तैयार की जाएगी। बैठक में कैंट बोर्ड सीईओ, कैंट बोर्ड प्रवक्ता के साथ सदस्य विपिन सोढ़ी, अनिल जैन, मंजू गोयल, धर्मेन्द्र सोनकर, बुशरा कमाल, रिनी जैन, नीरज राठौर, कैंट के भवन विभाग के जॉन, विक्रांत आदि शामिल रहे।

सब डिवीजन हो तो संयुक्त करें आवेदन

सिविल एरिया कमेटी में शनिवार को सदस्यों ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सब डिवीजन वाली सम्पत्तियों के म्यूटेशन के लिए संयुक्त रूप से आए प्रस्तावों पर विचार करने की बात कही। कैंट क्षेत्र में बहुत सी सम्पत्ति को टुकड़ों में विक्रय कर दिया गया है जिस कारण उनका म्यूटेशन होना मुमकिन नहीं। लेकिन आज के निर्णय से यदि सभी मालिकान एक साथ नामांतरण के लिए आवेदन करेंगे तो बोर्ड उस पर विचार करेगा। इस निर्णय से बहुत सी संपत्ति जनरल लैंड रिकार्ड बुक में चढ़ सकेगी।

126 दुर्गाबाड़ी का मामला चर्चित रहा

सिविल एरिया कमेटी में म्यूटेशन के लिए वर्षों से आया हुआ 126 दुर्गाबाड़ी का मामला चर्चित रहा। जहां बाकी सदस्य उपरोक्त म्यूटेशन के पक्ष में थे तो वहीं उसी वार्ड की सदस्य मंजू गोयल म्यूटेशन के विरोध में थीं। उन्होंने लिखित आपत्ति दर्ज की। उनका कहना था कि उक्त जगह कोई भवन नहीं है और म्यूटेशन भवन का ही किया जा सकता है। काफी वाद विवाद के बाद उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने स्वयं निरीक्षण कर निर्णय देने की बात कही। इसी तरह 217 गंज बाजार, 171 बीई आबूलेन पर कुछ सदस्यों ने आपत्ति दर्ज की। वहीं 384, 385, 385 ए बकरी मोहल्ला के एक म्यूटेशन के मामले पर बुशरा कमाल ने आपत्ति की।

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